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हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस, कांग्रेस के वॉकआउट से सरकार का पलड़ा भारी

हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस, कांग्रेस के वॉकआउट से सरकार का पलड़ा भारी

हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव लंबी बहस के बाद निष्प्रभावी हो गया, कांग्रेस विधायकों के सदन छोड़ने से भाजपा सरकार बची।

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हुई लंबी और तीखी चर्चा के बाद भाजपा सरकार का पलड़ा भारी रहा। करीब साढ़े चार घंटे चली बहस के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के हर आरोप का जवाब आंकड़ों और तथ्यों के साथ देना जारी रखा। मुख्यमंत्री के आत्मविश्वासी और विस्तारपूर्ण जवाब के बीच जब सदन का समय बढ़ाने की घोषणा की गई तो कांग्रेस विधायक मतदान से पहले ही सदन छोड़कर बाहर चले गए। इसके साथ ही कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव बिना मतदान के ही निष्प्रभावी हो गया और सदन में मौजूद सत्ता पक्ष ने इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बार बार आग्रह किया गया कि वे अपने जवाब को संक्षेप में समाप्त करें, लेकिन उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए गए हर आरोप पर विस्तार से बोलने का निर्णय लिया। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 13 महीनों में 54 संकल्प पूरे किए हैं और आने वाले समय में हरियाणा में विपक्ष का अस्तित्व और कमजोर होता जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के पास विपक्ष के हर सवाल का जवाब मौजूद है और सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा से सरकार पीछे नहीं हटेगी।

कांग्रेस विधायकों के सदन छोड़ने के बाद संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा और परिवहन मंत्री अनिल विज ने प्रस्ताव रखा कि विपक्ष की गैर मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया जाए। हालांकि स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने प्रक्रिया पूरी करने पर जोर देते हुए कहा कि विपक्ष के बिना भी संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इसके बाद सदन में कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औपचारिक रूप से गिरा दिया गया। सत्ता पक्ष के मंत्रियों ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं था और सरकार के जवाबों से असहज होकर कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया।

चर्चा के दौरान वोट चोरी अशिक्षा बेरोजगारी अपराध किसानों के मुआवजे और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर जमकर बहस हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के आरोप न तो जमीनी हकीकत पर आधारित हैं और न ही तथ्यों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को निराशा और राजनीतिक कुंठा का परिणाम बताया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य विकसित भारत 2047 के संकल्प को धरातल पर उतारना है और हरियाणा को उससे पहले ही विकसित राज्य बनाकर दिखाया जाएगा।

अंत में मुख्यमंत्री ने विपक्ष को 24 दिसंबर को पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया, जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का उद्घाटन किया जाएगा और हरियाणा विजन 2047 दस्तावेज जारी किया जाएगा। सदन की कार्यवाही के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा सरकार विपक्ष के हर सवाल का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और अविश्वास प्रस्ताव राजनीतिक रूप से सरकार को कोई नुकसान पहुंचाने में असफल रहा।

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