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आयुष्मान भारत फर्जी कार्ड, अस्पतालों पर होगी सख्त कार्रवाई, पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे

आयुष्मान भारत फर्जी कार्ड, अस्पतालों पर होगी सख्त कार्रवाई, पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे

आयुष्मान भारत योजना में फर्जी कार्डों से इलाज का दावा करने वाले अस्पतालों के पुराने रिकार्ड खंगाले जाएंगे, अनियमितता पर होगी सख्त कार्रवाई।

आयुष्मान भारत योजना में फर्जी कार्ड बनाकर इलाज का दावा करने वाले अस्पताल अब सख्त जांच के दायरे में आ गए हैं। जिन अस्पतालों ने संदिग्ध कार्डों के आधार पर इलाज के बिल स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज साचीज के पास भुगतान के लिए भेजे थे, उनके पुराने रिकार्ड दोबारा खंगाले जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यदि पुराने दावों में भी अनियमितता मिली तो संबंधित अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिले में कुल 12,82,440 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनने का लक्ष्य था, जिनमें से 12,23,136 कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। इलाज के लिए 28 सरकारी और 204 निजी अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है। इसके बावजूद पोर्टल में सेंध लगाकर हैकरों ने बड़ी संख्या में फर्जी कार्ड बना दिए, जिनके सहारे कई अस्पतालों में भर्ती कर इलाज का दावा भी भेजा गया।

इन संदिग्ध कार्डों को विभाग ने जांच में निरस्त कर दिया है। अब यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि कहीं अस्पतालों की मिलीभगत से तो यह फर्जीवाड़ा नहीं हुआ। अधिकारियों का कहना है कि पिछले छह महीनों में बने कार्डों की जांच की जाएगी और जिन लाभार्थियों के नाम पर कार्ड बने हैं उनसे बातचीत कर सच्चाई पता की जाएगी।

यह मामला केवल फर्जी कार्डों तक सीमित नहीं है। इससे पहले मई 2025 में भी आयुष्मान पोर्टल में सेंध लगाकर 9.45 करोड़ रुपये विभिन्न अस्पतालों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। जांच में सामने आया था कि अधिकारियों की आइडी और फोन नंबर तक हैक कर योजनाबद्ध तरीके से यह रकम ट्रांसफर की गई। इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू जांच कर रही है।

फर्जी कार्ड बनाने और भुगतान में हुई गड़बड़ी में इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी आइएसए की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। साचीज के अधिकारी, पुलिस और साइबर टीम मिलकर पूरे नेटवर्क की जांच कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्तर पर मिलीभगत साबित होने पर कठोर कार्रवाई तय है।

यह पूरा मामला बताता है कि डिजिटल सुरक्षा में सेंधमारी से सरकारी योजनाएं किस तरह निशाने पर आ रही हैं। विभाग का कहना है कि कार्ड वेरिफिकेशन और अस्पतालों के भुगतान दावों की प्रक्रिया को और कड़ा किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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