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एजबेस्टन में भारत की ऐतिहासिक जीत, इंग्लैंड को 336 रनों से हराया, सीरीज 1-1 से बराबर

एजबेस्टन में भारत की ऐतिहासिक जीत, इंग्लैंड को 336 रनों से हराया, सीरीज 1-1 से बराबर

एजबेस्टन टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर सीरीज 1-1 से बराबर की, शुभमन गिल की कप्तानी और आकाश दीप के प्रदर्शन ने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एजबेस्टन: भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में ऐसा प्रदर्शन किया जो क्रिकेट इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया। बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर भारत ने बल्ले और गेंद दोनों से दबदबा कायम करते हुए इंग्लैंड को 336 रनों से करारी शिकस्त दी और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया। यह जीत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की विदेश में सबसे बड़ी रनों से जीत का इतिहास भी है। शुभम गिल की कप्तानी में भारत ने न सिर्फ एजबेस्टन में जीत का खाता खोला, बल्कि अंग्रेज़ों के गढ़ में पहली बार तिरंगा लहराने का गौरव भी प्राप्त किया।

पहली पारी में भारत ने मजबूत शुरुआत करते हुए 587 रनों का पहाड़ खड़ा किया, जिसमें शुभम गिल का शतक खास रहा। जवाब में इंग्लैंड की टीम 407 रन पर सिमट गई, जिससे भारत को 180 रनों की ठोस बढ़त मिली। दूसरी पारी में भी भारत ने इंग्लैंड पर दबाव बनाए रखा और छह विकेट पर 427 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। कुल मिलाकर इंग्लैंड को 608 रनों का विशाल लक्ष्य मिला, जो उनकी क्षमता से कहीं आगे साबित हुआ। पांचवें दिन बारिश के व्यवधान के बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने आक्रामकता में कोई कमी नहीं छोड़ी और इंग्लैंड को 271 रन पर समेट कर मैच अपने नाम किया।

इस मैच की सबसे बड़ी उपलब्धि तेज गेंदबाज आकाश दीप का प्रदर्शन रहा, जिन्होंने टेस्ट करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दूसरी पारी में छह विकेट लिए। पहली पारी में भी उनके खाते में चार विकेट गए, यानी कुल मिलाकर आकाश ने दस विकेट झटके और इंग्लैंड की रीढ़ तोड़ दी। उनके अलावा मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने भी योगदान देते हुए एक-एक विकेट लिया। इंग्लैंड की दूसरी पारी में विकेटकीपर जैमी स्मिथ ने जरूर 88 रनों की साहसिक पारी खेली, लेकिन वो टीम को हार से नहीं बचा सके। उनके अलावा ब्रायडन कार्स ने 38 और शोएब बशीर ने 12 रनों की नाबाद पारी खेली।

बर्मिंघम में इससे पहले भारत ने आठ टेस्ट मैच खेले थे, जिनमें से सात में हार और एक ड्रॉ रहा था। लेकिन इस बार इतिहास ने करवट ली। शुभमन गिल की कप्तानी में यह पहली जीत रही, और वे एजबेस्टन में टेस्ट जीत दर्ज करने वाले पहले एशियाई कप्तान भी बन गए। लीड्स में पहले टेस्ट की हार के बाद गिल और कोच गौतम गंभीर को तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन टीम ने शानदार वापसी करते हुए आलोचकों को जवाब दिया।

इस जीत के साथ भारत ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के 2025-27 चक्र की अंक तालिका में चौथा स्थान हासिल कर लिया है। दो मैचों में एक जीत और एक हार के साथ भारत के खाते में 12 अंक और 50 फीसदी अंक प्रतिशत है। इंग्लैंड भी 12 अंक पर है, लेकिन नेट प्रतिशत में पिछड़ने के कारण वह पांचवें स्थान पर खिसक गया है। ऑस्ट्रेलिया फिलहाल 100 फीसदी जीत दर के साथ शीर्ष पर कायम है, जबकि श्रीलंका और बांग्लादेश क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर बने हुए हैं।

मैच के बाद गिल को उनकी बेहतरीन कप्तानी और शतकीय पारी के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। इस मुकाबले ने न सिर्फ गिल को एक सफल कप्तान के रूप में स्थापित किया, बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक नया आत्मविश्वास भी दिया। अब भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट 10 जुलाई से लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा, जहां दोनों टीमों की निगाहें सीरीज में बढ़त लेने पर टिकी होंगी। एजबेस्टन की यह जीत भारतीय टीम के आत्मबल, रणनीति और युवा नेतृत्व की ताकत का प्रतीक बनकर उभरी है।

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