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वाराणसी: एयरपोर्ट पर कोहरे के कारण इंडिगो उड़ान घंटों विलंबित, यात्रियों ने होटल में बिताई रात

वाराणसी: एयरपोर्ट पर कोहरे के कारण इंडिगो उड़ान घंटों विलंबित, यात्रियों ने होटल में बिताई रात

घने कोहरे और पायलट के ड्यूटी टाइम खत्म होने से वाराणसी एयरपोर्ट पर 179 यात्री रातभर फंसे रहे।

वाराणसी: लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बाबतपुर एयरपोर्ट) पर मंगलवार का दिन यात्रियों के लिए किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हुआ। भीषण ठंड और घने कोहरे के कारण पहले से ही चरमराई विमान सेवाओं के बीच एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसने यात्रियों के धैर्य की कठिन परीक्षा ली। इंडिगो एयरलाइंस की एक उड़ान, जो पहले ही खराब मौसम के कारण घंटों विलंबित थी, अंततः जब उड़ान भरने के लिए तैयार हुई तो चालक दल (पायलट) ने 'ड्यूटी टाइम' खत्म होने का हवाला देते हुए विमान ले जाने से साफ इनकार कर दिया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के चलते 179 यात्रियों को पूरी रात वाराणसी के अलग-अलग होटलों में गुजारनी पड़ी और एयरपोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

घटनाक्रम की शुरुआत मंगलवार सुबह से ही हो गई थी, जब वाराणसी के आसमान पर घने कोहरे की चादर बिछी हुई थी। दृश्यता (विजिबिलिटी) लगभग शून्य के करीब पहुंच जाने के कारण सुबह और शाम की उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित रहा। इसी बीच, कोलकाता से वाराणसी आने वाली इंडिगो की उड़ान, जिसे अपने निर्धारित समय दोपहर 1 बजे लैंड करना था, वह खराब मौसम से जूझते हुए लगभग चार घंटे की देरी से शाम 5 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंची। वाराणसी से वापस कोलकाता जाने के लिए 179 यात्रियों ने चेक-इन प्रक्रिया पूरी कर ली थी और सुरक्षा जांच कराकर टर्मिनल भवन में विमान में सवार होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यात्रियों को उम्मीद थी कि देरी ही सही, लेकिन वे अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे।

स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब विमान के एयरपोर्ट पर लैंड करने और ग्राउंड हैंडलिंग की प्रक्रिया पूरी होने के दौरान ही पायलट ने घोषणा कर दी कि उसकी ‘शिफ्ट’ का समय पूरा हो चुका है। विमानन नियमों का हवाला देते हुए पायलट ने स्पष्ट कर दिया कि वह अब विमान उड़ाने की स्थिति में नहीं है और इसके बाद वह एयरपोर्ट से बाहर निकलकर होटल के लिए रवाना हो गया। यात्रियों को जब यह पता चला कि जिस विमान का वे घंटों से इंतजार कर रहे थे, वह अब उड़ान नहीं भरेगा, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। टर्मिनल बिल्डिंग में यात्रियों ने एयरलाइंस के कुप्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हंगामा शुरू कर दिया। घंटों के इंतजार और अनिश्चितता ने यात्रियों के सब्र का बांध तोड़ दिया था।

हंगामे को देखते हुए एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारियों और सीआईएसएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला। अधिकारियों ने नाराज यात्रियों से बातचीत की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद, एयरलाइंस प्रबंधन ने मानवीय आधार पर सभी 179 यात्रियों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी ली। यात्रियों को शहर के विभिन्न होटलों में ठहराया गया और उन्हें आश्वासन दिया गया कि उन्हें बुधवार की अगली उपलब्ध फ्लाइट से कोलकाता भेजा जाएगा।

इस पूरे प्रकरण पर बाबतपुर एयरपोर्ट के निदेशक पुनीत गुप्ता ने आधिकारिक स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा सर्वोपरि है और इसी के तहत पायलटों और केबिन क्रू के लिए 'फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन' (FDTL) के कड़े नियम लागू हैं। यह नियम सुनिश्चित करता है कि अत्यधिक थकान के कारण कोई भी पायलट विमान न उड़ाए, क्योंकि इससे सैकड़ों यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है। निदेशक ने बताया कि चूंकि वाराणसी में एयरलाइंस का कोई 'स्टैंडबाय' या अतिरिक्त क्रू उपलब्ध नहीं था, इसलिए सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए विमान को ग्राउंड करना पड़ा। हालांकि, यात्रियों को हुई असुविधा खेदजनक है, लेकिन सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता था।

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