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कानपुर: 18 क्विंटल गांजा तस्करी सरगना पर पिट एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की तैयारी, माफिया घोषित होगा

कानपुर: 18 क्विंटल गांजा तस्करी सरगना पर पिट एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की तैयारी, माफिया घोषित होगा

कानपुर में 18 क्विंटल गांजा तस्करी के मुख्य आरोपी को पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत माफिया घोषित करने की तैयारी है।

कानपुर : जाजमऊ थाना क्षेत्र में करीब 11 माह पहले बड़ी मात्रा में गांजा तस्करी के मामले में पकड़े गए गिरोह के सरगना पर अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। लगभग 18 क्विंटल 30 किलो गांजे की खेप के साथ पकड़े गए पांच तस्करों में शामिल मुख्य आरोपी को मादक पदार्थ तस्करी का माफिया घोषित किया जाएगा। पुलिस ने उसके खिलाफ दि प्रिवेंशन आफ इलिसिट ट्रेफिक इन नारकोटिक ड्रग एंड साइकोट्राफिक सब्सटेंसेज एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेज दिया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद सरगना के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई बेहद गंभीर मानी जाती है और यह केवल बड़े स्तर पर मादक पदार्थों के संगठित तस्करों पर ही लागू होती है। इस कार्रवाई के बाद आरोपी को आधिकारिक रूप से मादक पदार्थ तस्कर माफिया के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा। पुलिस के अनुसार जाजमऊ थाना पुलिस ने 22 नवंबर 2022 को बीमा चौराहे के पास सड़क पर क्रेन लगाकर एक डंपर और उसके पीछे चल रही इको स्पोर्ट कार को रोका था। तलाशी के दौरान डंपर चालक और कार में सवार तीन युवकों को हिरासत में लिया गया था।

पूछताछ में डंपर चालक ने अपना नाम पुंडलिक निवासी शिवानंद नगर भनपुरी रायपुर छत्तीसगढ़ बताया था। वहीं कार चालक संतोष यादव निवासी देवारा जदीद नौबारार महाराजगंज आजमगढ़ और उसके साथी रामसागर यादव व मंगेश यादव निवासी शागढ़ हेंगापुर थाना सिधारी आजमगढ़ निकले थे। जब डंपर और कार की गहन तलाशी ली गई तो उसमें से कुल 18 क्विंटल 30 किलो 120 ग्राम गांजा बरामद हुआ। पुलिस के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब दो करोड़ रुपये आंकी गई थी।

इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि रामसागर यादव लंबे समय से गांजा तस्करी के नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और पहले भी कई मामलों में उसका नाम सामने आ चुका है। डीसीपी पूर्वी ने बताया कि बीते चार महीनों से पुलिस टीम रामसागर के आपराधिक इतिहास से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य जुटा रही थी।

रिकॉर्ड के अनुसार रामसागर को वर्ष 2014 में आजमगढ़ के सिधारी थाना क्षेत्र से 274 किलो गांजे के साथ पकड़ा गया था। इसी वर्ष आजमगढ़ के रौनापार थाना पुलिस ने उसे 40 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। इन मामलों के आधार पर पुलिस ने उसे संगठित मादक पदार्थ तस्कर मानते हुए माफिया घोषित करने की संस्तुति की है। अब प्रमुख सचिव गृह स्तर से प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद उसके खिलाफ पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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