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कानपुर: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गुरु हरिहर दास महाराज का निधन, शोक में डूबे भक्त

कानपुर: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गुरु हरिहर दास महाराज का निधन, शोक में डूबे भक्त

कानपुर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आध्यात्मिक गुरु संतोष द्विवेदी हरिहर दास महाराज ने 80 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली, जिसके बाद उनके आवास पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

कानपुर: श्याम नगर में स्थित अपने आवास पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आध्यात्मिक गुरु संतोष द्विवेदी 'हरिहर दास महाराज' ने शनिवार रात अंतिम सांस ली। उनकी उम्र लगभग 80 वर्ष थी। पार्षद नीलम उमेश शुक्ला के अनुसार, महाराज अपने जीवन के अंतिम समय में अपनी दोनों बेटियों—अंजू मिश्रा और संगीता मिश्रा—के साथ रह रहे थे। शनिवार शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद रात 8:00 बजे उन्हें 7 एयर फोर्स हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

उनके निधन की खबर जैसे ही फैली, श्याम नगर स्थित उनके आवास पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग दूर-दराज़ से पहुंचने लगे और आवास के बाहर श्रद्धांजलि देने वालों की भारी भीड़ जमा हो गई। भक्तजनों ने पूरे परिसर में हरे राम-हरे कृष्ण और ओम नमः शिवाय के मंत्रों का जाप किया। महिलाएं भी जप में शामिल रहीं। वहीं, स्थानीय पार्षद, पुलिस बल और एसीपी चकेरी अभिषेक पांडे भी मौके पर पहुंचे। सुरक्षा के मद्देनजर वीरेंद्र स्वरूप स्कूल से लेकर मदर एंड चाइल्ड स्कूल तक बैरिकेडिंग की गई और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दो गार्ड भी अंदर भेजे गए।

इस शोकप्रद क्षण में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय कुमार पाठक भी आवास पर पहुंचे। गुरुजी को श्रद्धांजलि देते समय उनकी आंखें नम हो गईं। पार्षद नीलम शुक्ला ने बताया कि गुरु जी ने गुरु पूर्णिमा के दिन अपने शिष्यों को इशारे में यह संकेत दिया था कि इस संसार में कोई स्थायी नहीं है और हर किसी को हरि नाम का जप करते रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि "यहां किसी की छाती पर कोई स्थायी एग्रीमेंट नहीं है।"

गुरुजी की पत्नी मिथलेश द्विवेदी का देहांत पहले ही 22 जून 2021 को हो चुका था, जिसके बाद उनकी दोनों बेटियां अक्सर सेवा में लगी रहती थीं। बड़ी बेटी अंजू श्याम नगर बी ब्लॉक में रहती हैं और छोटी संगीता बर्रा विश्व बैंक कॉलोनी में। उनके दामाद डॉक्टर जी.के. मिश्रा, जो सात जिलों के स्वास्थ्य प्रबंधन से जुड़े हैं, उन्हें इलाज के लिए कानपुर, लखनऊ समेत कई स्थानों पर ले जा चुके थे।

गुरुजी का अंतिम संस्कार रविवार को बिठूर के बैकुंठपुर में किए जाने की तैयारी है। हालांकि अंतिम संस्कार का समय तय नहीं हो पाया था। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि के लिए रविवार सुबह तक कानपुर पहुंच सकते हैं।

हरिहर दास महाराज अपने आध्यात्मिक जीवन और जीवनदर्शन के लिए प्रसिद्ध थे। गुरु पूर्णिमा के दिन पार्क के पास बैठे हुए उन्होंने कहा था, “जो भगवान की भक्ति करता है, वही मेरा अपना है, जो नहीं करता, वह मेरे पास भटके भी नहीं।” उनके शिष्यों ने बताया कि गुरुजी भविष्यवाणी में भी सिद्ध थे। एक बार एक दंपति के झगड़े पर उन्होंने पत्नी से कहा था कि “15 दिन के मेहमान हो”और वास्तव में ठीक 15वें दिन उसी समय महिला का निधन हो गया था।

गुरुजी की मृत्यु से श्रद्धालुओं में गहरा शोक है। एक महिला भक्त की तबीयत तो अचानक खराब हो गई, जिसे उसका बेटा अस्पताल ले गया। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है और लोग आंखों में आंसू लिए अंतिम दर्शन को पहुंच रहे हैं। गुरुजी के पार्थिव शरीर को डीप फ्रीजर में रखा गया है और देर रात तक जप और कीर्तन जारी रहा।

हरिहर दास महाराज का जाना केवल एक व्यक्ति का निधन नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। उनके उपदेश, आचरण और जीवनदर्शन ने हजारों लोगों को जीवन की राह दिखाई। शिष्यों और भक्तों के लिए उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है, जिसे भुलाना आसान नहीं होगा।

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