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लखनऊ: अखिलेश यादव के भाई प्रतीक से रंगदारी मांगने पर तीन के खिलाफ FIR

लखनऊ: अखिलेश यादव के भाई प्रतीक से रंगदारी मांगने पर तीन के खिलाफ FIR

प्रतीक यादव ने लखनऊ में कृष्णानंद पांडेय और उनके परिवार पर रंगदारी, धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया, आरोप है कि उन्होंने निवेश के नाम पर लाखों की ठगी की।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के भाई और महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव ने एक गंभीर मामला दर्ज कराया है, जिससे राजनीतिक और कारोबारी हलकों में हलचल मच गई है। उन्होंने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में पूर्वांचल सिटी चिनहट निवासी रियल एस्टेट कारोबारी कृष्णानंद पांडेय, उनकी पत्नी वंदना पांडेय और पिता अशोक पांडेय के खिलाफ रंगदारी मांगने, धोखाधड़ी करने और आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया है। प्राथमिकी में प्रतीक यादव ने आरोप लगाया है कि तीनों ने मिलकर उनसे व्यवसाय में निवेश के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की और फिर पैसों की मांग करने पर गंभीर कानूनी फंसाने की धमकियां दीं।

प्रतीक यादव, जिनकी मां साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं, ने बताया कि वर्ष 2011-12 में उनकी मुलाकात कृष्णानंद पांडेय से हुई थी। पांडेय ने खुद को रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ा बताया और बार-बार कारोबारी प्रस्तावों के साथ उनके संपर्क में रहे। लंबे समय तक संबंध मजबूत करने के बाद 25 मई 2015 को एक कंपनी बनाई गई, जिसमें कृष्णानंद पांडेय और यूएस विस्ट को निदेशक तथा प्रतीक यादव को प्रमोटर बनाया गया। इसके बाद प्रतीक से इस कंपनी में भारी निवेश करवाया गया।

शिकायत के अनुसार, कृष्णानंद पांडेय ने अपनी आर्थिक तंगी और पारिवारिक समस्याओं का हवाला देकर प्रतीक से निजी उधारी भी लेनी शुरू कर दी। प्रतीक यादव ने बताया कि वह उसकी बातों में आकर कई बार आर्थिक मदद करते रहे। हालात तब बदले जब वर्ष 2020 में प्रतीक यादव कोविड-19 की चपेट में आ गए। इसके बाद 2022 में परिवार में एक के बाद एक दुखद घटनाएं हुईं l पहले मां, फिर पिता और मामा का निधन हो गया। इस दौरान प्रतीक मानसिक रूप से काफी टूट चुके थे और इलाज के लिए मेदांता अस्पताल में भर्ती भी रहे। इसी बीच, कृष्णानंद पांडेय और उसके परिवार ने इस स्थिति का फायदा उठाकर निवेश की रकम को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी, बल्कि नए-नए बहाने बनाकर और रकम की मांग करने लगे।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि जब प्रतीक यादव ने हिसाब मांगना शुरू किया, तो आरोपी ने न केवल टालमटोल किया बल्कि ईमेल और वॉट्सऐप के जरिए उन्हें POCSO (पॉक्सो) एक्ट में फंसाने की धमकी दी। प्रतीक ने यह भी बताया कि आरोपी दंपति ने चार करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की और कहा कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो एक फर्जी ऑडियो क्लिप वायरल कर दी जाएगी, जिससे उनकी और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।

गौतमपल्ली थाने के प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार ने बताया कि प्रतीक यादव की शिकायत पर रविवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक सबूत और वित्तीय लेन-देन की भी समीक्षा की जाएगी ताकि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने लाई जा सके।

राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा मामला होने के कारण इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। अपर्णा यादव, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष हैं, और स्वयं प्रतीक यादव, जिनका नाम अक्सर राजनीतिक चर्चाओं में आता है, ऐसे समय में यह मामला उठना राजनीतिक गलियारों में भी हलचल का विषय बन गया है। फिलहाल, पुलिस जांच के बाद ही यह तय हो पाएगा कि आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किस दिशा में बढ़ेगी।

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Category: crime uttar pradesh

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