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मऊ: लापता मासूम आर्यन का शव खुले बोरिंग में मिला, लापरवाही से छीनी नन्हीं जान

मऊ: लापता मासूम आर्यन का शव खुले बोरिंग में मिला, लापरवाही से छीनी नन्हीं जान

मऊ के हलधरपुर में आठ अगस्त से लापता छह वर्षीय आर्यन का शव खुले सबमर्सिबल बोरिंग में मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।

मऊ: हलधरपुर थाना क्षेत्र के बिलौझा गांव में रविवार की सुबह एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। महज छह वर्ष के आर्यन उर्फ लड्डू, पुत्र रामकरण राम का शव गांव में एक खेत के खुले सबमर्सिबल बोरिंग में उतराया मिला। यह वही मासूम था, जो बीते आठ अगस्त की शाम से लापता था और जिसकी तलाश में पुलिस से लेकर गांव के लोग तक दिन-रात जुटे हुए थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 8 अगस्त की दोपहर स्कूल से लौटने के बाद आर्यन ने खाना खाया और खेलने के लिए घर से बाहर निकल गया। गांव में एक व्यक्ति के घर धार्मिक कथा का आयोजन चल रहा था, जहां प्रसाद वितरण के लिए बच्चों की भीड़ जुटी थी। आर्यन भी वहीं पहुंचा था, लेकिन कुछ देर बाद वह वहां से अचानक गायब हो गया। घर वापस न लौटने पर परिजनों ने शाम से रात तक चारों ओर तलाश की, मगर उसका कोई सुराग नहीं मिला।

अगले दिन शनिवार को थक-हारकर पिता रामकरण राम ने हलधरपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और गांव के तालाब, कुएं व अन्य स्थानों पर छानबीन की, लेकिन नन्हे आर्यन का कहीं कोई पता नहीं चला। इसी बीच, रविवार की सुबह कुछ ग्रामीण सिवान की तरफ गए, जहां एक खेत के खुले सबमर्सिबल बोरिंग में उन्होंने बच्चे का शव देखा। सूचना फैलते ही गांव में मातम पसर गया।

बताया गया कि जिस बोरिंग में आर्यन का शव मिला, वह कुछ दिन पहले खुदाई के बावजूद पानी न निकलने से फेल हो गया था। खेत मालिक ने बोरिंग के गड्ढे को ऐसे ही खुला छोड़ दिया था, जिसमें मिट्टी तक नहीं भरी गई थी। पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकालकर पंचनामा के बाद जिला अस्पताल भेज दिया।

आर्यन दो भाइयों में छोटा था और अपनी मासूमियत और चंचल स्वभाव के लिए गांव में सबका लाडला माना जाता था। इस हादसे के बाद से परिवार पूरी तरह टूट चुका है और गांव में गहरी शोक की लहर है।

यह पहली बार नहीं है जब खुले गड्ढों और नालों ने मासूमों की जान ली हो। इससे पहले भी मऊ और आसपास के क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। 18 मार्च को दोहरीघाट नगर पंचायत के रामघाट पर खेलते समय मंजीत (14) और समर साहनी (13) निर्माणाधीन पिलर के गड्ढे में गिर गए थे, जिसमें मंजीत की मौत हो गई थी। इसी तरह 29 दिसंबर 2024 को घोसी नगर पंचायत में खुले नाले में गिरने से 2.5 वर्षीय अभय राजभर की मौत हो गई थी। 24 नवंबर 2021 को भी दोहरीघाट नगर पंचायत में 1.5 वर्षीय मासूम की खुले नाले में गिरकर मौत हो गई थी।

थाना प्रभारी निरीक्षक हलधरपुर, विजय प्रकाश मौर्य ने बताया, "पिता की तहरीर पर गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर बच्चे की तलाश की जा रही थी। रविवार सुबह बोरिंग के गड्ढे में शव मिलने की सूचना मिली। आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को जिला अस्पताल भेजा गया है।"

इस हादसे ने एक बार फिर खुले गड्ढों और नालों के खतरों को उजागर कर दिया है। सवाल यह है कि आखिर कब तक लापरवाही और जिम्मेदारी के बीच पिसकर मासूम जिंदगियां यूं ही खत्म होती रहेंगी। प्रशासन और जिम्मेदार विभागों की उदासीनता पर अब कठोर कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

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