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बाढ़ के बीच क्रूज से दिखेगी गंगा आरती, काशी में खास पल के गवाह होंगे मॉरीशस के प्रधानमंत्री

बाढ़ के बीच क्रूज से दिखेगी गंगा आरती, काशी में खास पल के गवाह होंगे मॉरीशस के प्रधानमंत्री

मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम वाराणसी में स्वामी विवेकानंद क्रूज से दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का अवलोकन करेंगे, बाढ़ के बावजूद विशेष इंतजाम किए गए हैं।

वाराणसी: मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम वाराणसी प्रवास के दौरान स्वामी विवेकानंद क्रूज से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती का अवलोकन करेंगे। गंगा में बाढ़ का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके चलते सामान्य नौका संचालन पूरी तरह बंद है। ऐसे में प्रधानमंत्री को क्रूज से केवल गंगा और डूबे हुए घाटों का ही दृश्य देखने को मिलेगा। इसके साथ ही वह दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती की अद्वितीय भव्यता का अनुभव करेंगे।

गुरुवार को यह पल विशेष महत्व का होगा क्योंकि एक ओर गंगा आरती की सांध्य बेला का आध्यात्मिक वैभव होगा तो दूसरी ओर गंगा का प्रचंड वेग भी प्रधानमंत्री को महसूस होगा। इस आयोजन के लिए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं ताकि क्रूज पर सवार प्रधानमंत्री को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।

स्वामी विवेकानंद क्रूज से गंगा आरती देखने के लिए विदेशी राष्ट्राध्यक्षों का यह सिलसिला नया नहीं है। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे भी वाराणसी आकर गंगा की भव्यता को निहार चुके हैं। इस बार मॉरीशस के प्रधानमंत्री का आगमन इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतवंशी रहते हैं जिनके लिए गंगा केवल एक नदी नहीं बल्कि अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से जुड़ाव का प्रतीक है।

गंगा में बाढ़ के चलते क्रूज संचालन भी सीमित कर दिया गया है लेकिन इस विशेष अवसर पर स्वामी विवेकानंद क्रूज को तैयार किया गया है। क्रूज तक पहुंचाने के लिए कर्मचारियों ने रस्सियों और अस्थाई नावों का सहारा लिया है ताकि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में कोई बाधा न आए। बुधवार को अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा भी लिया और सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता किया।

वाराणसी प्रशासन का मानना है कि इस दौरे से न केवल काशी की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी बल्कि पर्यटन को भी गति मिलेगी। विदेशी मीडिया में गंगा आरती और वाराणसी की छवि को विशेष स्थान मिलेगा। खासकर मॉरीशस के प्रधानमंत्री के इस अनुभव से वहां मौजूद भारतीय मूल के लोग एक बार फिर अपनी परंपराओं और गंगा की महिमा से भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अवसर काशी की सांस्कृतिक ताकत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और ज्यादा उजागर करते हैं और यह शहर को शीर्ष पर्यटन स्थलों में और मजबूती से स्थापित करते हैं।

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