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गाजीपुर: मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को पुलिस ने किया कोर्ट में पेश

गाजीपुर: मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को पुलिस ने किया कोर्ट में पेश

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर गाजीपुर लाया गया, उन पर मां के फर्जी दस्तखत कर 10 करोड़ की संपत्ति छुड़ाने का आरोप है।

गाजीपुर: कुख्यात माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को जालसाजी के गंभीर आरोपों में रविवार देर रात लखनऊ के दारूलशफा स्थित विधायक निवास से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सोमवार सुबह पुलिस टीम उमर को लेकर गाजीपुर पहुंची, जहां उसे कोर्ट में पेश किया गया। यह गिरफ्तारी एक जालसाजी प्रकरण के तहत हुई है, जिसमें उमर पर आरोप है कि उसने अपनी फरार मां आफ्शा अंसारी जो 50 हजार की इनामी हैं, के फर्जी हस्ताक्षर करके अदालत में एक शपथ पत्र दाखिल किया था। इस दस्तावेज के ज़रिए वह अपने परिवार की लगभग 10 करोड़ रुपये की जब्त संपत्ति को छुड़वाने की साजिश रच रहा था।

पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने बताया कि यह संपत्ति शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत डेवड़ी बल्लभ दास में स्थित है और इसका बाजार मूल्य वर्तमान में लगभग 10 करोड़ रुपये आंका गया है। इस पर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के तहत कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने पहले ही कुर्की की कार्यवाही की थी। यह संपत्ति आईएस 191 गैंग के सरगना और अब मृत माफिया मुख्तार अंसारी के नाम पर दर्ज है। प्रशासन द्वारा की गई जब्तीकरण कार्रवाई के बाद इस संपत्ति को छुड़वाने के लिए उमर अंसारी ने अदालत में याचिका दायर की, जिसमें उसने शपथ पत्र के माध्यम से दावा किया कि संपत्ति पर उनकी मां का स्वामित्व है। मगर जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दाखिल शपथ पत्र में आफ्शा अंसारी के हस्ताक्षर फर्जी थे।

पुलिस के अनुसार, उमर ने यह फर्जीवाड़ा एक सोची-समझी साजिश के तहत किया और न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की। जांच में यह भी पाया गया कि उसने अपने वकील लियाकत अली के साथ मिलकर यह शपथ पत्र तैयार किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुहम्मदाबाद थाने में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोप है कि उमर अंसारी ने न्यायालय की प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया और आपराधिक लाभ लेने की नीयत से अदालत में झूठा और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किया।

अधिकारियों के अनुसार, इस मामले की जांच पूरी गहनता से की जा रही है और यह भी देखा जा रहा है कि क्या इसमें किसी अन्य की संलिप्तता रही है। वहीं, आफ्शा अंसारी अभी भी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें तेज कर दी गई हैं। आफ्शा पर पहले से ही 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है।

इस मामले ने न केवल अंसारी परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को गुमराह करने की कोशिश के चलते इसे एक गंभीर आपराधिक मामला मानते हुए पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। प्रशासन का कहना है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और न्यायालय में झूठे दस्तावेजों के सहारे संपत्ति छुड़वाने का प्रयास एक बड़ा अपराध है, जिसके लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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