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दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच हुई तेज, NIA टीम लखनऊ पहुंची, वाराणसी में अफगानी नागरिक पकड़ा गया

दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच हुई तेज, NIA टीम लखनऊ पहुंची, वाराणसी में अफगानी नागरिक पकड़ा गया

दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच हुई तेज, NIA टीम लखनऊ में पहुंची, वहीं वाराणसी में बिना दस्तावेज अफगानी नागरिक पकड़ा गया।

लखनऊ में डॉ शाहीन के आवास पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम के पहुंचने के बाद दिल्ली ब्लास्ट केस से जुड़ी जांच और तेज हो गई है. एजेंसी ने शनिवार की रात कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी जुटाई और पहले से उपलब्ध इनपुट को मिलाने की प्रक्रिया शुरू की. यह कार्रवाई हाल के दिनों में सामने आए उन संकेतों के तहत की गई है जिनसे जांच एजेंसियों को दिल्ली ब्लास्ट केस के संभावित तार अन्य स्थानों तक फैलने की आशंका दिखी है. इससे पहले 11 नवंबर को एटीएस और जम्मू कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम भी इसी मामले में कुछ संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनजर लखनऊ पहुंची थी. दोनों एजेंसियों ने उस समय भी कई घंटों तक स्थानीय स्तर पर पूछताछ और दस्तावेजी जांच की थी.

इस बीच वाराणसी के कछवां रोड इलाके में शनिवार देर शाम पुलिस द्वारा पकड़े गए एक अफगानी नागरिक ने अलग से चर्चा पैदा कर दी. बाइक पर मिले इस व्यक्ति को पुलिस ने प्रारंभिक जांच के लिए हिरासत में लिया क्योंकि उसके पास किसी तरह का पासपोर्ट या वीजा दस्तावेज नहीं था. पूछताछ में उसकी पहचान पीर बादशाह के रूप में हुई जो अफगानिस्तान के काबुल का निवासी है और महाराष्ट्र के नागपुर जिले के ताजबाग क्षेत्र में रहता है. उसने बताया कि वह कोलकाता से नागपुर की ओर यात्रा कर रहा था. चेकिंग के दौरान जब दस्तावेज मांगे गए तो उसके अफगानी होने की जानकारी सामने आई. उसकी तलाशी के दौरान यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज द्वारा जारी एक रिफ्यूजी कार्ड और एक मोबाइल फोन मिला.

स्थानीय पुलिस ने तुरंत उसकी जानकारी आईबी और एल आई यू को भेज दी ताकि उसके रिफ्यूजी कार्ड की वैधता और नागरिकता संबंधी विवरण की पुष्टि हो सके. दोनों एजेंसियों ने नागपुर से भी तस्दीक कराई और देर रात यह स्पष्ट हो गया कि पीर बादशाह का रिफ्यूजी कार्ड पूरी तरह वैध है. इसके बाद किसी भी तरह की अवैध गतिविधि के संकेत न मिलने पर पुलिस ने सोमवार की सुबह उसे उसकी आगे की यात्रा के लिए रवाना कर दिया.

दिल्ली पुलिस भी इस मामले से जुड़े एक अन्य अफगानी नागरिक को लेकर कार्रवाई कर चुकी है. काबुलीवाला नाम से मशहूर इस व्यक्ति को संदिग्ध गतिविधि की सूचना के आधार पर पूछताछ के लिए लाया गया था. जांच में पता चला कि उसके पास भी यूएनएचसीआर द्वारा जारी वैध रिफ्यूजी कार्ड है. कार्ड की पुष्टि होने के बाद उसे बिना किसी आपत्ति के रिहा कर दिया गया.

इन घटनाओं ने जांच एजेंसियों का ध्यान फिर से इस बात पर केंद्रित किया है कि बिना वैध यात्रा दस्तावेज के देश में मौजूद विदेशी नागरिकों की जांच कितनी जरूरी है और यह भी कि जिनके पास अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा जारी मान्य दस्तावेज हों उन्हें कानून के दायरे में उचित सुरक्षा भी मिले. एनआईए की ताजा कार्रवाई और विभिन्न राज्यों की पुलिस की लगातार सक्रियता यह संकेत दे रही है कि दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच अब अधिक व्यापक स्तर पर आगे बढ़ रही है और हर छोटे इनपुट की भी गहन जांच की जा रही है.

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