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वाराणसी: रामनगर-PM मोदी के दौरे से पहले सपा नेता जितेंद्र मलिक नजरबंद, कार्यकर्ताओं में आक्रोश

वाराणसी: रामनगर-PM मोदी के दौरे से पहले सपा नेता जितेंद्र मलिक नजरबंद, कार्यकर्ताओं में आक्रोश

पीएम मोदी के वाराणसी दौरे से पहले सपा नेता जितेंद्र मलिक को सुरक्षा कारणों से नजरबंद किया गया, जिससे पार्टी समर्थकों में रोष है।

वाराणसी: रामनगर/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे से पहले प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र समाजवादी पार्टी से जुड़े बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र यादव उर्फ मलिक को गुरुवार सुबह उनके घर पर नजरबंद कर दिया। यह कदम उठाए जाने के साथ ही स्थानीय राजनीति गरमा गई है और सपा समर्थकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पुलिस का दल सुबह-सुबह रामनगर स्थित उनके आवास पर पहुंचा और उन्हें घर से बाहर निकलने से रोक दिया गया। प्रशासन ने इसे सुरक्षा कारणों से निवारक कार्रवाई बताया है। हालांकि, इस दौरान मलिक के साथ कई समर्थक मौजूद थे, जिनमें नरेश यादव, मान सिंह, इंजमामुल खान, आकाश सिंह, अंशराज चौहान, सतीश बागी, विनोद यादव और मृत्युंजय मौर्य जैसे नाम सामने आए हैं।

जितेंद्र मलिक ने कहा, कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत वाराणसी की जनता करेगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं की आवाज़ को कुचल दिया जाए। मुझे और मेरे साथियों को सुबह से घर में कैद कर दिया गया है। यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। हम समाजवादी पार्टी और बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के कार्यकर्ता हैं, हमारी आवाज़ उठाना हमारा संवैधानिक अधिकार है।"

उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि विपक्ष मौजूद ही नहीं है। "यह कार्रवाई साफ बताती है कि भाजपा सरकार विपक्ष से डरती है। हमारे नारे और हमारी उपस्थिति से उन्हें परेशानी क्यों है? क्या अब लोकतांत्रिक ढंग से अपनी बात कहना भी अपराध हो गया है।"

समर्थकों ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक दबाव बनाने और विपक्ष को कमजोर दिखाने के लिए की जा रही है। नजरबंदी के दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘जय अखिलेश, जय समाजवाद, जय भीम’ के नारे लगाए और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया।

दूसरी ओर, प्रशासन ने अब तक कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान शांति-व्यवस्था बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसीलिए निवारक कार्रवाई की गई। अधिकारियों का कहना है कि यह सामान्य प्रक्रिया है, जिसे किसी विशेष व्यक्ति को टारगेट करने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे के मद्देनज़र शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। हजारों पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। शहर के मुख्य मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है और वीआईपी मार्गों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है और प्रशासन किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

जितेंद्र मलिक की नजरबंदी ने वाराणसी में सियासी तापमान बढ़ा दिया है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं, जबकि प्रशासन इसे महज़ सुरक्षा उपाय कह रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में भी गूंज सकता है और सपा इसे भाजपा सरकार के खिलाफ बड़ा हथियार बना सकती है।

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