प्रयागराज में वायुसेना कैंपस के अंदर इंजीनियर सत्येंद्र नाथ मिश्रा की हत्या को सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब इस मामले में एक बार फिर नए मोड़ सामने आए हैं। एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और पुलिस की शुरुआती जांच रिपोर्ट पर दो महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। इन सवालों का सीधा संबंध उस आरोपी के मोबाइल की जांच और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति से है, जिसे पुलिस ने चोरी के दौरान हत्या करने का जिम्मेदार बताया था। एसआईटी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि मामले में कुछ बुनियादी जांच बिंदुओं को नजरअंदाज किया गया, जिनकी पुष्टि से घटनाक्रम की असल तस्वीर और साफ हो सकती थी।
घटना 29 मार्च की रात की थी जब तड़के करीब साढ़े तीन बजे वायुसेना कैंपस में तैनात कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नाथ मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दो दिन बाद 31 मार्च को पुलिस ने कैंपस में सफाई का काम करने वाले शिवकुमार के बेटे सौरभ को गिरफ्तार किया और उसकी मां सुनीता तथा पिता शिवकुमार को साजिश में शामिल बताया। पुलिस के अनुसार सौरभ का बड़ा भाई हनी उर्फ गौतम पहले से कौशांबी जेल में बंद था और उसी से मिलने के बाद सौरभ ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस की जांच में यह दावा किया गया कि सौरभ ने हाल ही में ढाई लाख रुपये से अधिक का मोबाइल और करीब दो लाख रुपये की स्पोर्ट्स बाइक खरीदी थी और भाई की जमानत के लिए पैसों की जरूरत के कारण चोरी के इरादे से वह कैंपस में घुसा। पुलिस का कहना रहा कि इंजीनियर के जाग जाने पर घबराहट में उसने गोली चला दी।
लेकिन इंजीनियर की पत्नी वत्सला मिश्रा ने पुलिस की इस थ्योरी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से बताया कि कोई मामूली चोर एक हाई सिक्योरिटी कैंपस में घुसने का जोखिम क्यों उठाएगा। उन्होंने पूछा कि जब 23 से 26 मार्च तक उनका घर खाली था, तब चोरी क्यों नहीं की गई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार की आवाज आसपास क्यों नहीं सुनी गई और घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने खुद कैंपस की सिक्योरिटी की जांच क्यों नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि 14 मार्च की रात घर में घुसपैठ की कोशिश की सूचना उनके पति ने सुरक्षा अधिकारियों को दी थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और इसी लापरवाही के कारण यह हत्या हुई। उनका आरोप है कि घटना के सात महीने बाद भी वायुसेना की ओर से कोई अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया।
इन सवालों के बाद ही डीजीपी ने विशेष जांच टीम गठित की। एसआईटी ने पाया कि प्रयागराज पुलिस ने आरोपी सौरभ की मोबाइल लोकेशन की टाइमलाइन नहीं निकाली और उसके इंटरनेट प्रोटोकॉल रिकॉर्ड की जांच नहीं की। इससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि घटना से पहले और बाद में आरोपी की सही गतिविधियां क्या थीं। इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि सौरभ और उसके परिवार के बैंक खातों की जानकारी जुटाने का प्रयास नहीं किया गया, जबकि पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी के पास जमानत के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उसने लाखों रुपये की बाइक और मोबाइल कैसे खरीदे। एसआईटी ने दोनों बिंदुओं को दोबारा जांच में शामिल करने की सिफारिश की है।
वत्सला मिश्रा का कहना है कि इस पूरे मामले में अब तक कई बड़े सवाल अनुत्तरित हैं। उनका कहना है कि अगर पुलिस मानती है कि आरोपी चोरी करने आया था तो यह भी जांच होनी चाहिए कि पूरे परिवार के जेल में जाने के बाद उनकी जमानत और केस लड़ने के लिए पैसा कहां से आया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने स्वयं स्वीकार किया है कि आरोपी के पिता पर छह आपराधिक मामले दर्ज हैं, ऐसे में यह और भी चिंताजनक है कि उन्हें वायुसेना के कैंपस में आने का पास किस आधार पर जारी हुआ।
पुलिस के अनुसार वारदात की रात आरोपी ने घर की पीछे की खिड़की का हिस्सा काटा और पहले ही सीसीटीवी के तार काटकर कैमरों को निष्क्रिय कर दिया था। आहट सुनकर इंजीनियर और उनकी पत्नी की नींद खुली और जैसे ही इंजीनियर ने खिड़की खोली, आरोपी ने उन पर गोली चला दी। पुलिस ने दावा किया था कि वह पहचान लिया गया था इसलिए उसने गोली चलाई। इसके बाद आरोपी और उसके परिवार के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए।
अब एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद प्रयागराज पुलिस पूरे मामले की जांच दोबारा शुरू करेगी। इंजीनियर की पत्नी का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि पुनः जांच से सच सामने आएगा। वह चाहती हैं कि उनके पति की हत्या को केवल चोरी की घटना मानकर बंद न किया जाए बल्कि सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जाए। अब पूरा मामला दोबारा पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच का इंतजार कर रहा है और परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
प्रयागराज वायुसेना कैंपस हत्याकांड में नया मोड़, एसआईटी ने पुलिस जांच पर उठाए सवाल

प्रयागराज वायुसेना कैंपस हत्याकांड: एसआईटी ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए, आरोपी के मोबाइल व आर्थिक स्थिति पर गहन पड़ताल की बात कही।
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