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अहमदाबाद: सरदार 150 राष्ट्रीय एकता पदयात्रा का एकता नगर में समापन

अहमदाबाद: सरदार 150 राष्ट्रीय एकता पदयात्रा का एकता नगर में समापन

अहमदाबाद में सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता पदयात्रा संपन्न हुई, उपराष्ट्रपति ने उनके योगदान को सराहा।

अहमदाबाद : सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सरदार 150 राष्ट्रीय एकता पदयात्रा का समापन शनिवार को करमसद से शुरू होकर एकता नगर में हुआ। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व ने देश को वह अखंड स्वरूप दिया जिसे आज पूरे विश्व में एक मजबूत राष्ट्र के रूप में देखा जाता है। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल ने 560 से अधिक रियासतों को एक धागे में पिरोकर आधुनिक भारत की नींव रखी और राष्ट्रीय एकता का जो संदेश दिया वह आज भी मार्गदर्शक है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने आर्थिक, सामाजिक, सैन्य और विदेश नीति जैसे अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने नारी शक्ति वंदन कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने महिला नेतृत्व आधारित विकास की दिशा में एक नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार नई श्रम संहिताएं न्यायपूर्ण और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण को मजबूत करती हैं और आने वाले समय में श्रमिकों और उद्योग जगत दोनों के लिए बेहतर संरचना तैयार करेंगी।

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि गुजरात वह भूमि है जिसने विश्व को महात्मा गांधी जैसे सत्य और अहिंसा के प्रतीक दिए, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे लौह पुरुष दिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता दिए जिन्होंने विकास को राष्ट्रीय आंदोलन का रूप दिया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का मजबूत, सक्षम और आत्मनिर्भर भारत का सपना आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहा है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को अपनाते हुए राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें।

समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बारडोली सत्याग्रह की चर्चा करते हुए कहा कि इस आंदोलन ने सरदार पटेल को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया था। अंग्रेजों की अनुचित कर वृद्धि के खिलाफ उनके नेतृत्व ने देश भर में जागरूकता का नया अध्याय जोड़ा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह वर्ष वंदे मातरम के राष्ट्रगान स्वरूप, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और सरदार पटेल के विचारों के वैश्विक प्रसार के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कराया जो आज विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और भारत की एकता का प्रतीक बन चुकी है।

केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री डॉ मनसुखभाई मांडविया ने बताया कि 26 नवंबर को सरदार पटेल के पैतृक गांव करमसद से शुरू होकर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंची 150 किलोमीटर की पदयात्रा केवल यात्रा नहीं रही बल्कि यह विचारों की एक समृद्ध यात्रा बन गई। इस पदयात्रा में देशभर से आए युवाओं के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं और सभी ने मिलकर राष्ट्रीय एकता के संदेश को आगे बढ़ाया।

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