News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: पंचवटी रामलीला मैदान में बढ़ता अवैध कब्ज़ा, सांस्कृतिक धरोहर पर संकट

वाराणसी: पंचवटी रामलीला मैदान में बढ़ता अवैध कब्ज़ा, सांस्कृतिक धरोहर पर संकट

पंचवटी रामलीला मैदान में अवैध अतिक्रमण से सांस्कृतिक विरासत खतरे में, प्रशासन मौन, नागरिकों में आक्रोश।

वाराणसी: रामनगर क्षेत्र स्थित विश्व प्रसिद्ध पंचवटी रामलीला मैदान आज एक गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व वाले इस पवित्र मंचन-स्थल पर अवैध अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश और असुरक्षा की भावना फैल गई है।

मैदान के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ समय से दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में अज्ञात लोगों द्वारा टेंट गिराकर अस्थायी बस्तियाँ बसाई गई हैं। इन बस्तियों में बाहरी लोगों की लगातार आवाजाही ने स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है। स्थानीय लोग इसे न केवल सुरक्षा के लिए खतरा मान रहे हैं, बल्कि मैदान की पवित्रता और विरासत पर गहरा प्रहार भी बता रहे हैं।

लोगों ने बताया कि मैदान के एक हिस्से में खुलेआम गिट्टी और बालू का भंडारण किया जा रहा है। रात के समय ट्रक और छोटे वाहनों की आवाजाही को कई लोगों ने स्वयं देखा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यहां न केवल अवैध निवास, बल्कि गैरकानूनी निर्माण सामग्री का गोदाम भी संचालित हो रहा है।

निवासियों का कहना है कि इतना बड़ा अतिक्रमण बिना किसी की जानकारी के संभव नहीं। लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या स्थानीय प्रशासन और रामनगर किले के कर्मचारी जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं, या फिर इनकी भूमिका पर संदेह को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता?

लोगों ने इसे दुर्ग प्रशासन की गंभीर चूक करार देते हुए कहा कि यदि समय रहते किसी ने ध्यान दिया होता तो स्थिति यहां तक न पहुंचती।

प्रदेशभर में अवैध गतिविधियों, संदिग्ध तत्वों और गैरकानूनी कब्ज़ों के खिलाफ जोर-शोर से ‘ऑपरेशन टॉर्च’ चलाया जा रहा है। पर आश्चर्यजनक रूप से रामनगर के इतने महत्वपूर्ण और भीड़-भाड़ वाले धार्मिक-सांस्कृतिक क्षेत्र को इस अभियान से अलग क्यों रखा गया, इसे लेकर लोग बेहद नाराज़ हैं।

कई लोगों का मानना है कि यह मुद्दा संभवतः दुर्ग के उत्तराधिकारी महाराज अनंत नारायण सिंह तक पहुंचाया ही नहीं गया। लोगों ने कहा कि महाराज परंपरा के संरक्षक हैं, और यदि उन्हें स्थिति की वास्तविक जानकारी मिले, तो वह निश्चित ही कड़ी कार्रवाई के निर्देश देंगे।

स्थानीय नागरिकों ने शासन और प्रशासन से मांग की है, कि सभी बाहरी व्यक्तियों का तुरंत सत्यापन किया जाए, अवैध टेंट और सामग्रियों को अभिलंब हटाया जाए, मैदान में हो रही गिट्टी- बालू की गतिविधि का जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो, दुर्ग प्रशासन और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर विस्तृत जांच समिति गठित की जाए।

पंचवटी का रामलीला मैदान केवल प्रदर्शन स्थल नहीं, बल्कि काशी की पहचान है। वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध आयोजनों का केंद्र यही मैदान है। यदि इस स्थल पर अतिक्रमण बढ़ता गया, तो यह केवल एक क्षेत्रीय समस्या नहीं रहेगी। यह सांस्कृतिक विरासत का नुकसान बन जाएगी।

जिस भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीलाएं मंचित होती हैं, वहां अवैध गतिविधियों का डेरा प्रशासन के लिए शर्म और जिम्मेदारी दोनों का विषय है।

अब जनता की मांग यह है, कि यहां से तत्काल अतिक्रमण हटे, जांच हो, और जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
काशी की इस धरोहर को बचाने का वक़्त अभी है, वरना आने वाली पीढ़ियां इसे केवल इतिहास के पन्नों में पढ़ेंगी।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
Bluva Beverages Pvt. Ltd

LATEST NEWS