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शाहजहांपुर: शहजादनगर में गड्ढे में डूबने से दो सगे भाइयों की हुई दर्दनाक मौत

शाहजहांपुर: शहजादनगर में गड्ढे में डूबने से दो सगे भाइयों की हुई दर्दनाक मौत

शाहजहांपुर के शहजादनगर में फत्तेहपुर गांव के दो सगे भाई, विवेक और वरुण, की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

शाहजहांपुर: शहजादनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत फत्तेहपुर गांव रविवार दोपहर उस समय शोक में डूब गया जब गांव निवासी दो सगे भाई विवेक (8) और वरुण (7) की पानी से भरे खेत के गड्ढे में नहाते समय डूबने से मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर एकत्र हो गई।

दोनों मासूम अपने कुछ साथियों के साथ गांव के पास ही बने एक गहरे पानी से भरे गड्ढे में नहाने गए थे। यह गड्ढा खेत में भरे बारिश के पानी से लबालब भरा था। नहाते वक्त खेल-खेल में दोनों बच्चे गहरे पानी की ओर बढ़ गए और संभल नहीं सके। जब तक अन्य बच्चों ने शोर मचाकर मदद के लिए आवाज लगाई, तब तक दोनों बच्चे पानी में डूब चुके थे। ग्रामीणों ने शोर सुनते ही घटनास्थल की ओर दौड़ लगाई और दोनों को बाहर निकाला गया।

मौके पर पहुंचे परिजनों ने जैसे ही विवेक और वरुण को देखा, वे बिलख पड़े। बच्चों की हालत देख कर ग्रामीण उन्हें तुरंत लेकर जिला अस्पताल भागे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह खबर सुनते ही घर में कोहराम मच गया। हर तरफ मातम और चीख-पुकार मच गई। बच्चों की मां की हालत बेहद नाजुक हो गई, उन्हें संभालना मुश्किल हो गया।

फत्तेहपुर गांव निवासी बुद्धसैन पेशे से मजदूर हैं और गांव में रहकर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। विवेक और वरुण उनके दो छोटे बेटे थे, जिन्हें उन्होंने इसी वर्ष दनियांपुर गांव स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ाई के लिए दाखिला दिलाया था। बेहतर भविष्य के सपने लिए उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

घटना की सूचना मिलते ही शहजादनगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष हरेंद्र यादव ने बताया कि बच्चों को तत्काल थाने की सरकारी गाड़ी से जिला अस्पताल भेजा गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।

गांव के लोगों ने बताया कि जिस गड्ढे में बच्चे डूबे, वह कई वर्षों से वहां मौजूद है और बारिश के समय उसमें गहरा पानी भर जाता है। बावजूद इसके, इस ओर न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया और न ही सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गई थी। ग्रामीणों ने प्रशासन से ऐसे खतरनाक स्थलों को चिन्हित कर उनकी घेराबंदी करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों।

रविवार देर शाम जब दोनों भाइयों की अर्थी एक साथ उठी, तो पूरा गांव गमगीन हो गया। हर आंख नम थी और हर दिल भारी। इस हृदयविदारक हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे गांव में गहरी पीड़ा और चिंता की लहर फैला दी है। ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से इस मामले में तत्परता और संवेदनशीलता दिखाने की अपील की है, ताकि पीड़ित परिवार को यथासंभव सहायता मिल सके और इस तरह की त्रासदी फिर न दोहराई जाए।

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