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सोनभद्र: नशीले कफ सिरप तस्करों पर पुलिस का शिकंजा, सरगना समेत 4 पर 25 हजार घोषित इनाम

सोनभद्र: नशीले कफ सिरप तस्करों पर पुलिस का शिकंजा, सरगना समेत 4 पर 25 हजार घोषित इनाम

सोनभद्र पुलिस ने नशीले कफ सिरप के अंतरराज्यीय तस्कर नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें सरगना शुभम समेत चार फरार आरोपियों पर 25 हजार का इनाम घोषित हुआ।

सोनभद्र/वाराणसी: अंतरराज्यीय स्तर पर फैले नशीले कफ सिरप की तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सोनभद्र पुलिस ने अब अपनी कार्रवाई बेहद सख्त कर दी है। तस्करी के इस खेल में शामिल मुख्य सरगना और उसके सहयोगियों पर पुलिस का शिकंजा अब पूरी तरह कस चुका है। मामले की गंभीरता और आरोपियों की लगातार फरारी को देखते हुए सोनभद्र पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. यशवीर सिंह ने मुख्य साजिशकर्ता शुभम जायसवाल समेत चार प्रमुख आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का नकद इनाम घोषित कर दिया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इस पूरे सिंडिकेट की जड़ों को खोदकर निकाला जाएगा। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें अलग-अलग जिलों में लगातार दबिश दे रही हैं।

चिप्स और नमकीन की आड़ में नशा तस्करी का बड़ा खेल
इस पूरे प्रकरण का पर्दाफाश गत 18 अक्टूबर की रात हुआ था, जब सोनभद्र पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक चौंकाने वाली बरामदगी की थी। तस्करों ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए बेहद शातिराना तरीका अपनाया था ट्रकों में चिप्स और नमकीन की पेटियों के पीछे भारी मात्रा में कोडिन युक्त कफ सिरप छिपाकर ले जाया जा रहा था। जब पुलिस ने इस सुराग की गहराई से जांच शुरू की, तो परत-दर-परत कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच का दायरा बढ़ाते हुए पुलिस ने रांची से दो ट्रक और फिर गाजियाबाद से चार ट्रक कफ सिरप बरामद किए। तफ्तीश की सुई वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला जायसवाल की फर्म 'शैली ट्रेडर्स' पर आकर रुक गई, जो इस पूरे अवैध कारोबार का मुख्य केंद्र बिंदु बनकर उभरी।

फर्जी लाइसेंस और कागजों पर करोड़ों का हेरफेर
मामले की जड़ तक जाने के लिए एसपी अभिषेक वर्मा ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई कि 'शैली ट्रेडर्स' का नेटवर्क केवल एक जिले तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार कई राज्यों से जुड़े हुए थे। जांच में पाया गया कि फर्जी ड्रग लाइसेंस की आड़ में कागजों पर करोड़ों शीशी कोडिन युक्त कफ सिरप की आपूर्ति दिखाई गई थी। हैरानी की बात यह है कि सोनभद्र में भी दो ऐसी फर्म पंजीकृत मिलीं, जिनका अस्तित्व केवल कागजों पर था और इनका इस्तेमाल अवैध तस्करी को वैध दिखाने के लिए किया जा रहा था। इस संदर्भ में औषधि नियंत्रण विभाग ने रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में पहले ही प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। पुलिस ने इसी कड़ी में कार्रवाई करते हुए पिछले दिनों सत्यम नामक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जबकि मुख्य आरोपी भोला जायसवाल को कोलकाता एयरपोर्ट से नाटकीय ढंग से दबोचा गया था।

इन चेहरों की है पुलिस को तलाश
भोला जायसवाल और सत्यम से हुई पूछताछ ने पुलिस को इस सिंडिकेट के अन्य अहम किरदारों तक पहुँचाया। इसमें भदोही के नई बाजार निवासी निशांत उर्फ रवि गुप्ता, वाराणसी के कबीरचौरा क्षेत्र का विजय गुप्ता और सहारनपुर के सरसावा थाना क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी निवासी विशाल उपाध्याय के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं। ये सभी आरोपी फर्जी फर्मों के जरिए कागजों में हेराफेरी कर कफ सिरप की अवैध आपूर्ति में संलिप्त पाए गए हैं। एसआईटी और पुलिस की अन्य टीमें लगातार इनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही हैं, लेकिन आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इसी को देखते हुए अब इन पर इनाम की घोषणा की गई है।
पुलिस अधीक्षक का बयान

सोनभद्र के एसपी अभिषेक वर्मा ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि नशीले पदार्थों की तस्करी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्य सरगना शुभम जायसवाल और उसके साथियों निशांत, विजय और विशाल पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि यदि किसी के पास इन आरोपियों के बारे में कोई जानकारी हो, तो वे नजदीकी थाने में सूचित करें। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और उसे उचित पुरस्कार भी दिया जाएगा।

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