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गाजीपुर: उमर अंसारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, फर्जीवाड़े के आरोप विडियो कॉन्फ्रेसिंग से हुई पेशी

गाजीपुर: उमर अंसारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, फर्जीवाड़े के आरोप विडियो कॉन्फ्रेसिंग से हुई पेशी

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर को फर्जीवाड़े के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, उनकी मां के जाली हस्ताक्षर का मामला है।

गाजीपुर: माफिया-से-राजनीतिज्ञ बने दिवंगत मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गुरुवार को अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। इससे 10 दिन पहले भी इसी मामले में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। जमानत पर किसी तरह की राहत नहीं मिली।

मामला उस कथित जालसाजी से जुड़ा है, जिसमें पुलिस के अनुसार उमर अंसारी ने अपनी फरार मां आफ्शा (Afsha) अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज़ अदालत में दाखिल कर परिवार की कुर्क संपत्ति को छुड़ाने की कोशिश की। पुलिस का कहना है कि संबंधित संपत्तियां उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई थीं। आफ्शा अंसारी पर ₹50,000 का इनाम घोषित है और वह फिलहाल फरार बताई जाती हैं।

गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि
आपको बताते चले कि ग़ाज़ीपुर पुलिस ने 3 अगस्त की रात लखनऊ के दारूलशफ़ा स्थित विधायक निवास से उमर अंसारी को हिरासत में लिया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अदालत में कथित रूप से फर्जी दस्तावेज़ और मां के जाली हस्ताक्षर के साथ शपथ-पत्र दाखिल करके, गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई संपत्ति की रिहाई के लिए याचिका लगाई। बाद में उन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

पुलिस का पक्ष
ज़िला पुलिस के अनुसार, गैंगस्टर एक्ट में कुर्क की गई संपत्ति को मुक्त कराने की नीयत से जाली दस्तावेज़ पेश किए गए थे। पुलिस ने बताया कि यह संपत्ति आईएस-191 (Inter State-191) गैंग से जुड़े प्रकरणों में कार्रवाई के तहत चिह्नित की गई थी। प्रकरण में धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े प्रासंगिक धाराओं में केस दर्ज है और आगे की जांच जारी है।

परिवार और राजनीति का संदर्भ
उमर अंसारी की गिरफ्तारी के बाद मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी सामने आई, जबकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई जांच और साक्ष्यों के आधार पर की गई है। वहीं, अदालत ने आज की पेशी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए उन्हें फिर से 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।

पुलिस दस्तावेज़ों की जांच-पड़ताल जारी रखे हुए है। प्रकरण से जुड़े तमाम दस्तावेज़ और तथ्यों की कड़ियों को एकत्र किया जा रहा है। अगली सुनवाई निर्धारित तिथि पर होगी और तब तक आरोपी न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

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