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उत्तर प्रदेश में ठंडी का प्रकोप बढ़ा, कानपुर रहा प्रदेश का सबसे ठंडा शहर

उत्तर प्रदेश में ठंडी का प्रकोप बढ़ा, कानपुर रहा प्रदेश का सबसे ठंडा शहर

उत्तर प्रदेश में पछुआ हवाओं के कारण तापमान में तेजी से गिरावट आई है, कानपुर 8 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा और शीतलहर की चेतावनी जारी।

उत्तर प्रदेश में ठंडी पछुआ हवाओं के असर से तापमान में तेज गिरावट शुरू हो गई है और कई जिलों में सर्दी का प्रकोप बढ़ने लगा है। बीते कुछ दिनों से राज्य में सुबह और रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिसके चलते लोगों को रोजमर्रा के कामों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को प्रदेश में सबसे ठंडा शहर कानपुर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान सामान्य से काफी नीचे है और इससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तर भारत में सर्दी अब पूरी तरह दस्तक दे चुकी है।

कानपुर के अलावा इटावा, बरेली, अयोध्या, बाराबंकी और बुलंदशहर जैसे जिलों में भी रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया। इन जिलों में सुबह के समय तेज हवा चलने और जमीन पर हल्का कुहासा छाने से ठंड का असर और भी बढ़ गया है। कई जगहों पर लोगों ने बताया कि देर रात और सुबह के समय ठंडी हवा के कारण बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण इलाकों में अलाव जलाने की शुरुआत हो गई है जबकि शहरों में भी लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे हैं। बाजारों में ऊनी कपड़ों और हीटरों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि शनिवार से प्रदेश के मध्यांचल के लगभग 17 जिलों में मामूली शीतलहर यानी Marginal Cold Wave की स्थिति बन सकती है। इस दौरान तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की और गिरावट दर्ज होने की संभावना है। हालांकि विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह बदलाव सिर्फ दो दिनों तक रहेगा। इसके बाद तापमान में स्थिरता आ सकती है और मौसम का असर कुछ हल्का हो सकता है। विभाग ने 16 नवंबर से फिर एक बार तापमान में बदलाव की संभावना जताई है, जिससे ठंड में मामूली इजाफा हो सकता है।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले दो दिनों में प्रदेश में दिन और रात दोनों के तापमान में गिरावट जारी रहेगी। उनके अनुसार सुबह और शाम के समय कोहरा छाने की भी संभावना है, जिससे दृश्यता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल उत्तर प्रदेश में कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं है। इसी कारण साफ आसमान और शुष्क पछुआ हवाओं के कारण रात में तापमान तेजी से नीचे जाता है। पश्चिमी हिमालय से आने वाली ठंडी हवा पूरे प्रदेश में अपना प्रभाव दिखा रही है।

मध्य भारत में बने प्रतिचक्रवात के कारण भी हवाओं की दिशा और गति में बदलाव हुआ है, जिससे ठंडक और बढ़ी है। इस संयुक्त प्रभाव की वजह से उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है और रात का तापमान तो कई जगहों पर औसत से काफी कम दर्ज किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक लोगों को ठंड से सावधान रहना होगा और सुबह शाम बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है।

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