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लखनऊ: यूपी के 17 जिलों में बाढ़ का कहर, सीएम योगी कर रहे लगातार निगरानी

लखनऊ: यूपी के 17 जिलों में बाढ़ का कहर, सीएम योगी कर रहे लगातार निगरानी

उत्तर प्रदेश के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जहां सरकार राहत कार्यों की लगातार निगरानी कर रही है और प्रभावितों को मदद पहुंचा रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 17 जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं, जहां 37 तहसीलों के 402 गांव पानी में डूबे हुए हैं। स्थिति गंभीर है, लेकिन सरकार पूरी सतर्कता के साथ हर कदम पर नजर रखे हुए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हालात की सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं और संबंधित जिलों के अधिकारियों व राहत विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं, ताकि राहत कार्यों में कहीं कोई कोताही न हो। मुख्यमंत्री की अगुवाई में गठित टीम-11 में शामिल मंत्रियों ने भी रविवार को विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया और राहत अभियानों की जमीनी हकीकत को समझते हुए स्थानीय प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए।

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि प्रदेशभर में अब तक कुल 84,392 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 47,906 लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके। बाढ़ के कारण 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। वहीं, 343 मकानों को नुकसान पहुंचने की पुष्टि हुई है, जिनमें से 327 पीड़ितों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जा चुका है।

राज्य सरकार की राहत और बचाव योजनाएं बड़े पैमाने पर लागू की जा रही हैं। 4,015 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पानी में डूबी हुई है। इन इलाकों में अब तक 493 नावों व मोटरबोट्स की मदद से लगातार राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। 6,536 खाद्यान्न पैकेट और 76,632 लंच पैकेट लोगों तक बांटे जा चुके हैं, जबकि 29 लंगर भी लगातार संचालित हो रहे हैं, जहां पीड़ितों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

सरकार पशुधन की देखभाल को भी उतनी ही प्राथमिकता दे रही है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 500 क्विंटल भूसा वितरित किया गया है ताकि मवेशियों को पर्याप्त चारा मिल सके। साथ ही, जलजनित रोगों से निपटने के लिए 1,29,571 क्लोरीन टैबलेट्स और 37,089 ओआरएस पैकेट भी वितरित किए जा चुके हैं। प्रदेश में 905 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं, जहां इस समय 11,248 लोग अस्थायी रूप से रह रहे हैं। चिकित्सा व्यवस्था के तहत 757 मेडिकल टीमें विभिन्न इलाकों में तैनात की गई हैं, जो लोगों की स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक उपचार में लगी हुई हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी और नियंत्रण के लिए 1,193 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। ये चौकियां लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं और प्रशासन को हर जरूरी सूचना दे रही हैं। सरकार के निर्देशानुसार संबंधित मंत्रीगण अलग-अलग जिलों की स्थिति का जायजा ले रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर राहत कार्यों को गति देने में जुटे हैं।

प्रयागराज, मिर्जापुर और बांदा की निगरानी नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ कर रहे हैं। वहीं, जालौन की जिम्मेदारी स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार के पास है। औरैया जिले की स्थिति को स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला देख रहे हैं। हमीरपुर का जायजा रामकेश निषाद ले रहे हैं, जबकि आगरा की जिम्मेदारी जयवीर सिंह के पास है। वाराणसी की स्थिति पर सुरेश खन्ना नजर बनाए हुए हैं और कानपुर देहात में संजय निषाद राहत कार्यों की अगुवाई कर रहे हैं। इटावा में धर्मवीर प्रजापति, फतेहपुर में अजीत पाल और बलिया में दयाशंकर ‘दयालु’ लगातार सक्रिय हैं।

राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रभावितों की हर संभव सहायता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यक्तिगत निगरानी और मंत्रीगणों की जमीनी सक्रियता ने राहत कार्यों को मजबूती दी है, जिससे हजारों लोगों को संकट के इस दौर में राहत मिली है। सरकार का फोकस अब स्थिति को नियंत्रित करने के साथ-साथ पुनर्वास कार्यों को तेज करने पर है।

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