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उत्तर प्रदेश में 22 पीसीएस अधिकारी बने आईएएस, मिली बैच और नई जिम्मेदारियां

उत्तर प्रदेश में 22 पीसीएस अधिकारी बने आईएएस, मिली बैच और नई जिम्मेदारियां

भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के 22 नवपदोन्नत पीसीएस अधिकारियों को आईएएस में 2019, 2020 और 2021 बैच आवंटित किया है।

नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा (PCS) से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नत हुए वरिष्ठ अधिकारियों को आखिरकार लंबे इंतजार के बाद उनका बैच आवंटित कर दिया गया है। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी करते हुए 22 नवपदोनन्नत IAS अधिकारियों को 2019, 2020 और 2021 बैच आवंटित किया है। ये पदोन्नति 2023 और 2024 की चयन सूची के तहत की गई है।

इन 22 अधिकारियों में से दो को फिलहाल जिलों में ज़िम्मेदारी भी दे दी गई है, जबकि शेष 20 अधिकारियों को जल्द ही नई पोस्टिंग दी जाएगी। पदोन्नति के तहत IAS बलराम सिंह को मुख्य विकास अधिकारी (CDO), सिद्धार्थनगर के रूप में तैनात किया गया है, जबकि IAS विनोद कुमार गौड़ को CDO फर्रुखाबाद नियुक्त किया गया है।

इस सूची में जिन अधिकारियों को 2019 का बैच आवंटित किया गया है, उनमें भानु प्रताप यादव प्रमुख हैं। वहीं, 2020 बैच के तहत सबसे अधिक अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनमें विधान जायसवाल, राजेश कुमार सिंह, बलराम सिंह, शैलेन्द्र कुमार भाटिया, देवी प्रसाद पाल, अंजू लता, जय नाथ यादव, गुलाब चंद्र, राम सुरेश वर्मा, रण विजय सिंह, दयानंद प्रसाद, विनोद कुमार गौड़ जैसे अनुभवी अफसर शामिल हैं।

2021 बैच के तहत सचिन कुमार सिंह, विवेक कुमार श्रीवास्तव, बसंत अग्रवाल, वंदिता श्रीवास्तव, महेन्द्र कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, राजेश कुमार, योगेन्द्र कुमार और नीलम को IAS संवर्ग में स्थान मिला है। इन अधिकारियों को वरिष्ठता के अनुसार IAS सेवा में समाहित किया गया है।

पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब ये अधिकारी केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले निर्देशों के अनुसार देश और प्रदेश में विभिन्न पदों पर सेवाएं देंगे। सूत्रों के अनुसार शेष 20 अधिकारियों की पोस्टिंग पर विचार विमर्श चल रहा है और जल्द ही संबंधित जिलों या विभागों में उनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।

यह पदोन्नति न केवल इन अधिकारियों की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक संरचना को भी और अधिक सुदृढ़ और अनुभवशील बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ऐसे अधिकारी जो वर्षों तक तहसील, जिले और मंडल स्तर पर प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभा चुके हैं, अब उच्च प्रशासनिक सेवाओं में योगदान देंगे जिससे शासन-प्रशासन में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।

DoPT की इस अधिसूचना के बाद नवपदोन्नत अधिकारियों और उनके परिजनों में उत्साह का माहौल है। यह निर्णय राज्य प्रशासनिक सेवा से जुड़े अन्य अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।

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