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वाराणसी: प्रशासन के खिलाफ नाविकों का जोरदार प्रदर्शन, कार्तिक पूर्णिमा पर आंदोलन की चेतावनी

वाराणसी: प्रशासन के खिलाफ नाविकों का जोरदार प्रदर्शन, कार्तिक पूर्णिमा पर आंदोलन की चेतावनी

वाराणसी में नाव संचालन रोके जाने से नाराज नाविकों ने दशाश्वमेध घाट पर प्रदर्शन किया, कार्तिक पूर्णिमा पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आज मंगलवार को नाविक समाज ने प्रशासन के रवैये के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। दशाश्वमेध घाट पर सैकड़ों नाविक इकट्ठा हुए और अपनी नावों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नाविकों ने साफ कहा कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वे कार्तिक पूर्णिमा पर नाव संचालन पूरी तरह बंद कर देंगे और आंदोलन को और व्यापक स्वरूप देंगे।

विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही एडीसीपी काशी टी. सरवरण मौके पर रविदास घाट पहुंचे और नाविक समाज को समझाने का प्रयास किया। लेकिन नाविक अपने रुख पर डटे रहे और प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाते रहे।

नाव संचालन पर रोक से गहराया संकट
नाविक समाज के प्रतिनिधि प्रमोद माझी ने बताया कि करीब 72 दिन के लंबे इंतजार के बाद हाल ही में नाव संचालन की अनुमति मिली थी। इससे नाविकों को उम्मीद जगी थी कि उनके परिवारों का जीवनयापन फिर से पटरी पर लौटेगा। लेकिन अचानक प्रशासन ने एक बार फिर नाव संचालन रोक दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन का तर्क है कि घाटों पर पर्याप्त रोशनी नहीं है, जबकि नाव संचालन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ही होता है और उस समय प्राकृतिक रोशनी पर्याप्त रहती है।

प्रमोद माझी ने आरोप लगाया कि यह सब बहानेबाजी है। उनके मुताबिक प्रशासन ने कहा है कि 25 सितंबर को निरीक्षण के बाद आदेश जारी होगा, लेकिन यह सिर्फ समय निकालने और नाविक समाज को परेशान करने की रणनीति है।

नाविकों पर टूटा आजीविका का संकट
नाव संचालन रुकने से नाविकों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। दशकों से गंगा पर नाव चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले नाविक इन दिनों रोज़गार से वंचित हो गए हैं। उनका कहना है कि परिवार का खर्च, बच्चों की पढ़ाई और दवाइयों की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। नाविकों ने बताया कि नाव से ही उनकी रोटी-रोज़ी चलती है और यही उनका एकमात्र सहारा है। ऐसे में लगातार प्रशासनिक रोक उन्हें भुखमरी की कगार पर ला रही है।

क्रूज संचालन पर सवाल
नाविक समाज ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन उनके खिलाफ सख्त रवैया अपनाता है, जबकि क्रूज संचालन में किसी भी तरह की अड़चन नहीं डाली जाती। नाविकों ने कहा कि घाटों की साफ-सफाई और गंगा की स्वच्छता की जिम्मेदारी प्रशासन और नगर निगम की है, लेकिन वे खुद सफाई करते हैं ताकि यात्रियों को कोई दिक्कत न हो। इसके बावजूद उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है, जबकि बड़े-बड़े क्रूज निर्बाध रूप से चलते रहते हैं।

आंदोलन की चेतावनी
नाविक समाज ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नाव संचालन की अनुमति नहीं दी गई तो कार्तिक पूर्णिमा पर नावों का संचालन पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने क्रूज संचालन का घेराव करने की भी घोषणा की है। प्रदर्शन में रामनगर से लेकर नमो घाट तक के सैकड़ों नाविक शामिल हुए और सभी ने एकजुट होकर प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया।

वाराणसी के घाटों पर गंगा की लहरों संग जुड़ा नाविक समाज का जीवन अब प्रशासनिक फैसलों की जद में फंसा हुआ है। नाविकों का कहना है कि अगर उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई तो वे मजबूरन बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे, जिससे न सिर्फ प्रशासन बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

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