वाराणसी: आध्यात्मिक नगरी काशी में वर्तमान समय में देहदान की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। अपना घर आश्रम के आंकड़ों के अनुसार एक साल में 158 लोगों ने देहदान किया। यह पहल मेडिकल छात्रों के लिए शोध और प्रशिक्षण में अत्यंत सहायक साबित हो रही है। काशी का धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास मृत्यु और मोक्ष के विचारों से जुड़ा रहा है, और आज यह परंपरा आधुनिक चिकित्सा शिक्षा में योगदान दे रही है।
आश्रम के संचालक डॉ. के निरंजन के अनुसार, देहदान पूरी तरह व्यक्तियों की स्वेच्छा पर आधारित होता है। आश्रम यह सुनिश्चित करता है कि शव तीन महीने तक सुरक्षित रखा जाए ताकि यदि कोई परिजन पहुंच जाए तो शरीर सौंपा जा सके। इस अवधि के बाद शव काशी हिंदू विश्वविद्यालय और अन्य मेडिकल कॉलेजों को रिसर्च कार्य के लिए भेजा जाता है। पिछले सात वर्षों में दिसंबर 2018 से सितंबर 2025 तक कुल 228 लोगों का देहदान कराया गया, जिसमें केवल बीते एक वर्ष में 158 लोगों ने देहदान किया।
अधिकतर शव बीएचयू आईएमएस को भेजे जाते हैं। आश्रम के आंकड़ों के अनुसार पूर्वांचल के अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी आसानी से शव उपलब्ध हो जाते हैं। डॉ. निरंजन बताते हैं कि आकस्मिक मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम के बाद शव रिसर्च के योग्य नहीं रहता। इसलिए आश्रम ने केवल स्वाभाविक मृत्यु वाले लोगों के देहदान की परंपरा शुरू की है।
आध्यात्मिक नगरी में यह पहल केवल चिकित्सा शिक्षा को ही नहीं सुदृढ़ कर रही है, बल्कि समाज में देहदान के महत्व को भी उजागर कर रही है। अपने प्रयासों के लिए आश्रम के संचालक डॉ. के निरंजन और उनकी पत्नी डॉ. कात्यायनी को हाल ही में सम्मानित भी किया गया। उनका कहना है कि नेत्रदान और रक्तदान के साथ-साथ देहदान के लिए भी लोगों को आगे आना चाहिए, ताकि नई पीढ़ी को चिकित्सा प्रशिक्षण में अधिक अवसर मिल सकें।
अपना घर आश्रम की यह पहल काशी में मानव सेवा, चिकित्सा शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों को जोड़ने का उदाहरण बन चुकी है। युवाओं और समाज के अन्य वर्गों को भी इस दिशा में जागरूक करना आवश्यक माना जा रहा है।
वाराणसी: एक साल में 158 लोगों का देहदान, मेडिकल छात्रों के लिए वरदान बनी काशी

वाराणसी में देहदान की परंपरा तेजी से बढ़ रही है, पिछले एक साल में 158 लोगों ने मेडिकल रिसर्च हेतु शरीर दान किए।
Category: uttar pradesh varanasi healthcare
LATEST NEWS
-
दशाश्वमेध घाट पर 101 दीपों से शहीदों को श्रद्धांजलि, गंगा तट हुआ आलोकित
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर कार्तिक मास में वीर शहीदों की याद में आकाशदीप जलाए गए, 101 दीप गंगा में प्रवाहित किए गए।
BY : Shriti Chatterjee | 07 Oct 2025, 01:04 PM
-
वाराणसी: काशी विद्यापीठ में छात्रों का अनोखा प्रदर्शन, नीतियों के खिलाफ प्रतीकात्मक धान रोपी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों ने विश्वविद्यालय की नीतियों और अनियमितताओं के विरोध में प्रतीकात्मक धान रोपाई कर अनोखा प्रदर्शन किया।
BY : Shriti Chatterjee | 07 Oct 2025, 12:18 PM
-
वाराणसी जा रही इंडिगो फ्लाइट की लखनऊ में आपात लैंडिंग, मौसम खराब होने से डायवर्ट
खराब मौसम के कारण दिल्ली से वाराणसी जा रही इंडिगो फ्लाइट को लखनऊ में आपात लैंडिंग करनी पड़ी, यात्री सुरक्षित रहे।
BY : Garima Mishra | 07 Oct 2025, 12:25 PM
-
वाराणसी: मदनपुरा हनुमान मंदिर पर चालीसा पाठ करने जा रहे हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
वाराणसी में मदनपुरा हनुमान मंदिर पर चालीसा पाठ करने जा रहे राष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्र बताकर रोका, कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के निर्णय का सम्मान किया।
BY : Shriti Chatterjee | 07 Oct 2025, 12:14 PM
-
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 43वां दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर को, राज्यपाल करेंगी अध्यक्षता
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 43वां दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर को आयोजित होगा, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अध्यक्षता करेंगी।
BY : Shriti Chatterjee | 07 Oct 2025, 12:06 PM