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वाराणसी: पैरामेडिकल स्टाफ के ऑपरेशन पर विवाद, जांच में अधीक्षक और डॉक्टर आमने-सामने

वाराणसी: पैरामेडिकल स्टाफ के ऑपरेशन पर विवाद, जांच में अधीक्षक और डॉक्टर आमने-सामने

सीएचसी अधीक्षक की रिपोर्ट सही या ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर सही दोनों ने उलझाया,सीएचसी अधीक्षक ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को अपने जाँच में बताया है पैरामेडिकल स्टॉप

वाराणसी: सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आराजी लाइन के अधीक्षक नवीन सिंह की रिपोर्ट सही या ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर सही दोनों ने उलझाया।सीएचसी अधीक्षक ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को अपने जाँच में बताया है पैरामेडिकल स्टाफ उसके बाद भी ऑपरेशन थियेटर में मरीज का ऑपरेशन करते दिख रहे उदय वर्मा।सीएमओ वाराणसी संदीप चौधरी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समाचार पत्र के माध्यम से उपरोक्त सीएचसी अधीक्षक द्वारा लगाए गए रिपोर्ट व ऑपरेशन कर रहे उदय वर्मा के वायरल फोटो व कमरे का स्थलीय निरीक्षण कर गलत कार्य कर रहे या किये हुए कर्मचारी/अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही कर समाज मे सरकार के जीरो टॉलरेंस का जीता जागता उदाहरण देने का कार्य करना अत्यंत आवश्यक है।

आपको बता दे कि जंसा थाना क्षेत्र के जलालपुर स्थित अर्पित हॉस्पिटल एवं जच्चा बच्चा केंद्र पर तैनात अर्पित क्लिनिक का पैरामेडिकल स्टॉप बीते दिनों हॉस्पिटल में खुलेआम ऑपरेशन करते नजर आ रहे है,बीते दिनों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आराजी लाइन वाराणसी के जाँच पड़ताल में हुआ है खुलासा लगाया गया है।

पैरामेडिकल स्टॉप की रिपोर्ट : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओटी में जिस डॉक्टर के द्वारा ऑपरेशन करते हुए की फोटो बुधवार को पूरे दिन सोशल मीडिया इंटरनेट प्लेटफार्म पर वायरल हुआ था असल मे वह कोई और नही डॉक्टर उदय वर्मा जी है जो पूर्व में राजातालाब के निजी अस्पताल के डॉक्टर लालजी पटेल के चिकित्सालय में पहले कम्पाण्डर के रूप में कार्यरत थे और वहाँ से बच्चों से सम्बन्धित कुछ जानकारी हासिल होने के बाद अपना स्वयं का चिकित्सालय खोल कर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है,जिसे जनपदीय चिकित्साधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है।
आपको यह भी बता दे कि कई बार उपरोक्त हॉस्पिटल व डॉक्टर के खिलाफ जाँच की माँग भी की गई थी लेकिन शिकायत के बावजूद सम्बन्धित जाँच अधिकारी द्वारा न तो अर्पित हास्पिटल एवं जच्चा बच्चा केन्द्र के संचालक की स्वयं की डिग्री आदि की जाँच की गई और न उनके चिकित्सक होने का प्रमाण पत्र ही मुहैया कराया गया।

हमारे संवाददाता से एक चिकित्सक ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि सम्पूर्ण जनपद में हजारों अवैध लाइसेन्स रहित पैथोलाजी केन्द्र, चिकित्साकेन्द्रों का संचालन जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी और क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारियों की देखरेख में संचालित है और हर महीने एक मोटी रकम इन चिकित्साधिकारियों के माध्यम से मुख्य चिकित्साधिकारी और उनके माध्यम से मण्डलीय और प्रदेशीय अधिकारियों तक पहुँचती है।जिससे वे माला-माल हो रहे है और फर्जी हॉस्पिटल व डॉक्टरों पर मेहरबान है।

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