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VARANASI NEWS : NSG कमांडो बनकर 25 महिलाओं से ठगी, 40 लाख की धोखाधड़ी के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

VARANASI NEWS : NSG कमांडो बनकर 25 महिलाओं से ठगी, 40 लाख की धोखाधड़ी के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

वाराणसी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति ने खुद को NSG कमांडो बताकर और फर्जी पहचान पत्र दिखाकर 25 महिलाओं से ठगी की, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

वाराणसी : चितईपुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो खुद को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) का कमांडो बताकर न केवल वर्दी में फोटो साझा करता था, बल्कि सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के फर्जी पहचान पत्र बनाकर दर्जनों महिलाओं को अपना शिकार बना चुका था। आरोपी की पहचान दलाई उपप्ल के नाम से हुई है, जिसने फर्जी पहचान, झूठे रिश्ते और शादी का झांसा देकर करीब 25 महिलाओं से ठगी की, जिनमें से एक महिला की शिकायत पर वाराणसी पुलिस ने उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले की शुरुआत हुई 12 जून को, जब एक बैंक अधिकारी महिला (परिवर्तित नाम: हिना) ने चितईपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में महिला ने बताया कि वह मैट्रिमोनियल साइट के जरिए जीवनसाथी की तलाश कर रही थी, जहाँ उसकी पहचान दलाई उपप्ल से हुई। आरोपी ने खुद को NSG का कमांडो जोसफ बताकर पेश किया और सेना की वर्दी में अपनी तस्वीरें भेजीं। उसकी वाणी, व्यवहार और सेना से जुड़े फर्जी दस्तावेजों को देखकर महिला को कोई शक नहीं हुआ और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं। अंततः साल 2020 में दोनों ने शादी कर ली और दलाई उपप्ल महिला के कंदवा स्थित घर में रहने लगा।

शादी के बाद आरोपी ने महिला को परिवारिक और नौकरी से जुड़ी समस्याएं बताकर पैसों की मांग शुरू की और धीरे-धीरे 40 लाख रुपये ले लिए। शुरुआत में वह टालमटोल करता रहा, लेकिन जब महिला ने उसके मोबाइल में कई महिलाओं के साथ निजी चैट और तस्वीरें देखीं, तब उसे संदेह हुआ। पूछताछ करने पर आरोपी चुप रहा, जिसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी अलग-अलग राज्यों में नाम और पहचान बदलकर महिलाओं से दोस्ती करता था, खुद को कभी NSG कमांडो, कभी NIA अधिकारी या फिर आर्मी कैप्टन बताकर उनका भरोसा जीतता और फिर शादी या प्रेम संबंध का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ लेता था। एडीसीपी काशी जोन, सरवण टी ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी की सच्चाई सामने आई और पता चला कि वह अब तक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की महिलाओं को अपने झूठे जाल में फंसा चुका है। कई महिलाओं से उसने शादी भी की और कई राज्यों में उसके खिलाफ केस दर्ज हैं।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने इंटरनेट से सेना और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की पहचान पत्र की तस्वीरें निकालकर, अपने घर पर ही प्रिंटर से नकली आईडी बनाईं। उसके पास से फर्जी आर्मी और पुलिस यूनिफॉर्म, मेडल, बैज, पिस्टल (नकली), नेम प्लेट और विभिन्न एजेंसियों के फर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए हैं। वह खुद सिर्फ 9वीं कक्षा तक पढ़ा है और पहले तेलंगाना में इलेक्ट्रिशियन के तौर पर काम करता था। सेना में भर्ती होने की चाहत रखने वाले इस युवक की पढ़ाई कमजोर होने की वजह से उसका सपना अधूरा रह गया और उसने जालसाजी का रास्ता अपना लिया।

शादी के बाद वह तेलंगाना छोड़कर गोरखपुर आया, जहां वह दो साल तक रहा और फिर वाराणसी में पिछले तीन साल से फर्जी नाम और पहचान के साथ रह रहा था। आरोपी का परिवार तेलंगाना में ही रहता है, जिसमें उसके माता-पिता और तीन भाई हैं। दलाई उपप्ल सबसे छोटा है और बचपन से ही आर्मी में शामिल होने का सपना देखा करता था, लेकिन पढ़ाई और संसाधनों की कमी ने उसे अपराध की ओर धकेल दिया।

पुलिस अब उसके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, महिलाओं को धोखा देने और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चुकी है। साथ ही उसके द्वारा ठगे गए अन्य राज्यों की महिलाओं से संपर्क साधकर अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा की जा रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि दलाई उपप्ल का नेटवर्क और भी गहराई में फैला हो सकता है और उसके संपर्क में रहे लोगों की पहचान कर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। फिलहाल आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है, और आगे की जांच जारी है।

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