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वाराणसी: गुड़िया गांव में तेरहवीं कार्यक्रम के दौरान कुएं में गिरी बच्ची, बचाने में दो युवकों समेत तीन की मौत

वाराणसी: गुड़िया गांव में तेरहवीं कार्यक्रम के दौरान कुएं में गिरी बच्ची, बचाने में दो युवकों समेत तीन की मौत

वाराणसी के गुड़िया गांव में तेरहवीं कार्यक्रम के दौरान एक दर्दनाक हादसे में, कुएं में गिरी 5 वर्षीय बच्ची और उसे बचाने की कोशिश में दो युवकों की मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक और आक्रोश फैल गया।

वाराणसी: मिर्जामुराद थाना क्षेत्र अंतर्गत कछवा रोड स्थित गुड़िया गांव में गुरुवार शाम एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक और आक्रोश में डुबो दिया। एक मासूम बच्ची को बचाने की कोशिश में दो युवकों ने अपनी जान गंवा दी। हादसा उस वक्त हुआ जब गांव में एक तेरहवीं कार्यक्रम के दौरान खेल रही पांच वर्षीय बच्ची माही अचानक घर के पास स्थित कुएं में गिर गई। माही को बचाने के लिए पहले एक युवक और फिर उसका ममेरा भाई कुएं में कूदे, लेकिन तीनों की जान नहीं बचाई जा सकी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बच्ची के कुएं में गिरने की घटना शाम करीब 6 बजे की है। माही, गांव निवासी प्रदीप की पांच साल की बेटी थी, जो घर के बाहर खेल रही थी। उसी समय वह पास के पुराने कुएं में गिर गई, जो लगभग 80 से 100 फीट गहरा था और घर के पानी के उपयोग के लिए सक्रिय था। बच्ची को गिरते देख अन्य बच्चों ने शोर मचाया, जिससे पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई।

कुएं के सामने रहने वाले ऋषिकेश (32) ने बिना देर किए तुरंत सबमर्सिबल के पाइप के सहारे कुएं में उतरने की कोशिश की। लेकिन कुछ देर बाद वह भी बेहोश हो गया। जब काफी देर तक ऋषिकेश बाहर नहीं आया, तो उसका ममेरा भाई रामकेश बिंद (28) भी कुएं में उतर गया। दुर्भाग्यवश, वह भी बाहर नहीं निकल सका। ग्रामीणों के शोर और प्रयासों के बावजूद कुएं के अंदर किसी की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची। करीब एक घंटे से अधिक समय की मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी हालत बेहद नाजुक हो चुकी थी। सभी को एम्बुलेंस से फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

तीनों शव गांव वापस लाए गए, जिसके बाद शोकाकुल माहौल में ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। शवों को घर के बाहर रखकर लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि गांव में अब तक खुले हुए जानलेवा कुएं हैं और प्रशासन की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। कुछ ग्रामीणों ने एनडीआरएफ टीम पर निष्क्रियता का भी आरोप लगाया और उन्हें घेरे में ले लिया। स्थिति को देखते हुए तीन थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात करना पड़ा।

घटना के समय गांव में ऋषिकेश की दादी की तेरहवीं का भोज चल रहा था, जहां बड़ी संख्या में रिश्तेदार और ग्रामीण एकत्र हुए थे। यह दुखद हादसा समारोह के बीच में ही हुआ, जिसने पूरे माहौल को मातम में बदल दिया।

प्रदीप, जो एक स्थानीय अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत था, की मासूम बेटी माही, उसका ममेरा भाई रामकेश और परिजन ऋषिकेश, तीनों की असामयिक मौत से पूरा गांव गहरे सदमे में है। घटना के बाद से पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा है और गांव में मातम पसरा हुआ है।

प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अधिकारियों ने ग्रामीणों को शांत रहने की अपील की है। साथ ही, ग्रामीणों द्वारा उठाई गई मुआवजे और सुरक्षा की मांगों पर विचार करने का आश्वासन भी दिया गया है। लेकिन सवाल उठता है कि खुले और असुरक्षित कुओं की मौजूदगी आखिर कब तक लोगों की जान लेती रहेगी?

यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। हादसे में जान गंवाने वाले तीनों लोगों की वीरता को सलाम, जिन्होंने एक मासूम जान को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की, लेकिन अफसोस कि अंत में कोई भी न बच सका।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 19 Jun 2025 11:46 PM (IST)
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Tags: varanasi accident gudia village negligence

Category: uttar pradesh local news

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