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वाराणसी: मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई इलाकों में भारी जलजमाव

वाराणसी: मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई इलाकों में भारी जलजमाव

वाराणसी में मूसलाधार बारिश के कारण शहर में जलजमाव हो गया, जिससे यातायात बाधित हुआ, बिजली आपूर्ति ठप हो गई, और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

वाराणसी: रविवार को काशी नगरी में हुई जोरदार मूसलाधार बारिश ने शहर की रफ्तार को थाम दिया। लगातार दो घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश ने न केवल मुख्य सड़कों बल्कि अंदरूनी गलियों को भी जलमग्न कर दिया, जिससे कई इलाकों में 2 से 3 फीट तक पानी भर गया। हमारे वाराणसी संवाददाता दिलीप के अनुसार, यह बारिश वाराणसी में लंबे समय बाद आई भारी वर्षा में से एक रही, जिसने शहर के बुनियादी ढांचे को अस्थायी रूप से ठप कर दिया है।

बारिश के चलते शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। कई वाहन बीच रास्ते में ही बंद हो गए, जिससे मुख्य चौराहों और मार्गों पर लंबा जाम लग गया। पैदल चलने वालों को भी घुटनों तक भरे पानी में मुश्किल से रास्ता बनाते देखा गया। इससे खासकर बुजुर्ग, छोटे बच्चों और महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्कूलों और ऑफिस जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हुई, और कई संस्थानों ने अचानक छुट्टी घोषित कर दी।

बारिश का असर केवल सड़कों तक सीमित नहीं रहा। बिजली आपूर्ति भी कई क्षेत्रों में बाधित हो गई।

हमारे रामनगर संवाददाता निरंजन सिंह ने बताया कि बारिश के कारण कई गलियां और सड़कें तालाब जैसी बन गईं। पंचवटी इलाके में एक पेड़ की भारी डाल टूटकर बिजली के तारों पर गिर पड़ी, जिससे न सिर्फ तार क्षतिग्रस्त हुए, बल्कि कई विद्युत पोल भी उखड़ गए। इससे पूरे क्षेत्र में पूरी रात अंधेरा छाया रहा। हालांकि विद्युत विभाग की टीम ने विषम परिस्थितियों में भी तत्परता दिखाते हुए सुबह करीब 5:30 बजे तक बिजली बहाल कर दी। स्थानीय लोगों ने विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की इस त्वरित सेवा की प्रशंसा की।

वहीं दूसरी ओर, गंगा नदी में जलस्तर में वृद्धि के कारण घाटों पर भी संकट खड़ा हो गया। लगातार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले जलप्रवाह ने नदी को उफान पर ला दिया है। दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट जैसे प्रमुख घाट जलमग्न हो गए हैं। इसके चलते शवदाह की क्रियाएं घाटों की छतों पर की जा रही हैं, जो एक असाधारण और चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

शहर में जल निकासी की व्यवस्था भी जवाब दे गई है। नालों की सफाई न होने के कारण कई स्थानों पर पानी जमा हो गया है और आवागमन पूरी तरह बाधित है। कई दुकानों और मकानों में पानी घुस गया है, जिससे व्यापारियों और निवासियों को काफी नुकसान हुआ है। नगर निगम की टीम हालांकि राहत कार्य में जुटी है, लेकिन जलभराव की व्यापकता के कारण स्थिति पर काबू पाने में समय लग रहा है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अत्यधिक आवश्यकता न होने पर घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। साथ ही, घाटों पर जाने से बचने की सख्त चेतावनी दी गई है, क्योंकि गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है और अगले 24 घंटों में और अधिक बारिश की संभावना जताई गई है।

वाराणसी की इस प्राकृतिक आपदा ने न सिर्फ शहर के जीवन को धीमा किया है, बल्कि यह भी उजागर कर दिया है कि अत्यधिक वर्षा की स्थिति में नगर की मूलभूत सुविधाएं कितनी नाजुक हैं। हालांकि स्थानीय प्रशासन और सेवाएं पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई हैं।

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