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वाराणसी: प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने की पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल से भेंट

वाराणसी: प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने की पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल से भेंट

वाराणसी में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के दल ने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल से भेंट की, कमिश्नरेट प्रणाली, यातायात नियंत्रण और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई।

वाराणसी: भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों का एक दल आज वाराणसी पहुंचा, जहां उन्होंने भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत वाराणसी के पुलिस आयुक्त श्री मोहित अग्रवाल से शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं रही, बल्कि एक सशक्त संवाद का मंच बनी, जिसमें अनुभव, सेवा मूल्यों और पुलिसिंग की बारीकियों पर गहराई से चर्चा की गई।

पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने संवाद की शुरुआत प्रशिक्षुओं को कमिश्नरेट प्रणाली की विस्तृत जानकारी देते हुए की। उन्होंने वाराणसी कमिश्नरेट की संरचना, कार्यपद्धति और प्रमुख इकाइयों के क्रियाकलापों की विस्तार से व्याख्या की। इसमें यातायात नियंत्रण, डॉयल 112, आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित SOG और सर्विलांस टीम, ड्रोन एवं एंटी-ड्रोन प्रणाली, तथा VVIP सुरक्षा जैसे संवेदनशील और रणनीतिक पहलुओं को प्रमुखता से रखा गया।

श्री अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी, अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण, एक अत्यंत संवेदनशील शहर है जहाँ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की बड़ी संख्या सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सतर्कता की मांग करती है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को यह भी बताया कि पुलिसिंग केवल कानून का अनुपालन नहीं, बल्कि आमजन की सेवा का माध्यम है।

बातचीत के दौरान उन्होंने साइबर अपराध की बदलती प्रवृत्तियों पर विशेष जोर देते हुए कहा कि अपराधी तकनीक का तेजी से दुरुपयोग कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस अधिकारियों को एक कदम आगे की सोच और तकनीकी दक्षता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रशिक्षण काल अधिकारी जीवन का वह चरण है, जहाँ आत्मशक्ति, साहस, संयम और ज्ञान का संचय होता है, और यही अनुभव आगे चलकर जटिल परिस्थितियों में मार्गदर्शक बनता है।

भ्रष्टाचार के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल सुरक्षा और उनके विरुद्ध अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करना एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि केवल आदेश देना ही नहीं, बल्कि नेतृत्व करना, टीम भावना से कार्य करना और जनता से सीधा संवाद बनाना आधुनिक पुलिस अधिकारी की पहचान है।

इस संवाद के दौरान पुलिस आयुक्त ने एक प्रशिक्षु अधिकारी का जन्मदिवस याद रखते हुए पूरी टीम के साथ मिलकर उसे मनाया। इस छोटे लेकिन भावनात्मक क्षण से उन्होंने अधिकारियों को यह सिखाया कि एक अच्छा नेता न केवल प्रशासनिक रूप से सक्षम होता है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से भी जुड़ा होता है।

उन्होंने ईमानदारी, नैतिकता, कर्तव्यनिष्ठा और सत्यनिष्ठा को एक सफल पुलिस अधिकारी के चार स्तंभ बताते हुए कहा कि यदि अधिकारी इन मूल्यों को आत्मसात करें तो वे अपने कर्तव्यों में सदैव चमकते रहेंगे, जैसे हीरे अपने मूल से ही प्रकाशमान होते हैं।

संवाद के अंत में पुलिस आयुक्त श्री मोहित अग्रवाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ सामूहिक भोजन किया, जिससे एक आत्मीय और प्रेरक वातावरण बना। उन्होंने प्रशिक्षुओं को टीम भावना से कार्य करने की प्रेरणा दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए विश्वास जताया कि ये युवा अधिकारी भविष्य में देश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे और भारतीय पुलिस सेवा की गौरवशाली परंपरा को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाएंगे।

इस विशेष अवसर पर अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय) श्री शिवहरी मीणा, पुलिस उपायुक्त (अपराध) श्री सरवणन टी., अपर पुलिस उपायुक्त (वरुणा ज़ोन) श्रीमती नीतू, और सहायक पुलिस आयुक्त (लाइंस) श्री ईशान सोनी की भी उपस्थिति रही।

यह प्रेरक भेंट प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए न केवल व्यावहारिक जानकारी का माध्यम बनी, बल्कि एक सेवा भावना से भरपूर और प्रेरणा देने वाला अनुभव भी, जो उनके भावी पुलिस जीवन की नींव को और मजबूत करेगा।

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