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भ्रष्टाचार मुक्त सड़कों की ओर निर्णायक कदम, विधायक सौरभ की लोक लेखा समिति में प्रभावशाली पहल

भ्रष्टाचार मुक्त सड़कों की ओर निर्णायक कदम, विधायक सौरभ की लोक लेखा समिति में प्रभावशाली पहल

वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने लोक लेखा समिति की बैठक में पीडब्ल्यूडी के लंबित प्रस्तावों पर प्रभावी निस्तारण पर जोर दिया, साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त और उच्च गुणवत्ता वाले सड़क निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई ।

लखनऊ/वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभागार में आयोजित लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) की एक महत्वपूर्ण बैठक में वाराणसी कैंट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के लंबित प्रस्तरों पर गंभीरता से मंथन किया और उनके प्रभावी निस्तारण की दिशा में निर्णायक पहल की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (लोक निर्माण विभाग) अजय चौहान ने विभाग की ओर से शासन का पक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया।

✍️बैठक का मुख्य उद्देश्य: पारदर्शिता और जनहित की पुनर्पुष्टि

बैठक में लोक निर्माण विभाग के कार्यों, खासकर सड़कों के निर्माण में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जनहित को प्राथमिकता देने की समीक्षा की गई। विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा कि, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त, टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"

उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता को बुनियादी ढांचे की बेहतर सुविधा देना सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक दायित्व भी है। इस बैठक में लोक लेखा समिति ने पुराने वित्तीय वर्षों से जुड़े लेखा परीक्षण रिपोर्टों पर चर्चा कर यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी त्रुटियां न दोहराई जाएं जो सार्वजनिक धन के अपव्यय या कार्यों में अनियमितता को जन्म दें।

✍️लोक निर्माण विभाग के प्रस्तर और उनका निस्तारण

बैठक में लोक निर्माण विभाग से संबंधित प्रस्तरों (Audit Paras) का प्रस्तुतिकरण किया गया, जो कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्टों में उठाए गए मुद्दों से संबंधित थे। इन प्रस्तरों में निर्माण कार्यों की लागत, निविदा प्रक्रिया, कार्य निष्पादन की गुणवत्ता, भुगतान प्रक्रिया और समयबद्धता जैसे मुद्दे शामिल रहे।

विधायक श्रीवास्तव ने सवाल उठाया कि पिछली सरकारों के दौरान सड़क निर्माण में किस तरह की अनियमितताएं हुईं और क्या उन पर विभाग द्वारा कोई जवाबदेही तय की गई है। इस पर प्रमुख सचिव अजय चौहान ने स्पष्ट किया कि वर्तमान शासन द्वारा इन सभी बिंदुओं पर कड़ा संज्ञान लेते हुए ठोस कार्ययोजना बनाई गई है, और निर्माण की हर परियोजना पर त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है।

✍️गुणवत्ता, समय और पारदर्शिता को प्राथमिकता

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता को लेकर गुणवत्ता परीक्षण लैबों की संख्या में वृद्धि की गई है। अब हर निर्माण कार्य के बाद थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था अनिवार्य है। साथ ही, ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए सड़क निर्माण के प्रत्येक चरण की निगरानी की जा रही है।

विधायक श्रीवास्तव ने प्रस्ताव रखा कि जिलेवार समीक्षा कर जनता से फीडबैक लेने की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिससे ग्राउंड रियलिटी के आधार पर योजनाओं का मूल्यांकन किया जा सके।

✍️भविष्य की रूपरेखा और राजनीतिक संदेश

यह बैठक केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की जनहित के प्रति जवाबदेही और प्रशासनिक पारदर्शिता का एक सशक्त उदाहरण भी रही। सौरभ श्रीवास्तव की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि वाराणसी कैंट विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि प्रदेश स्तर पर भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।

इस बैठक के माध्यम से यह संदेश भी साफ है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में चल रही सरकार "भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश" की दिशा में न सिर्फ घोषणाएं कर रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर सख्ती से अमल भी कर रही है।

विधायक सौरभ श्रीवास्तव द्वारा लोक लेखा समिति में लोक निर्माण विभाग के प्रस्तरों के निस्तारण को लेकर दिखाई गई तत्परता से यह प्रमाणित होता है कि वाराणसी को 'बुनियादी विकास' के मामले में एक मॉडल शहर बनाने की दिशा में उनका योगदान सतत और दूरदर्शितापूर्ण है। विभागीय अधिकारियों की पारदर्शी रिपोर्टिंग और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता ने इस बैठक को न केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता से ऊपर उठाया, बल्कि जनता के विश्वास को भी और मजबूत किया।

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