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वाराणसी: नगर निगम में पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, प्रधानमंत्री से जांच की मांग

वाराणसी: नगर निगम में पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, प्रधानमंत्री से जांच की मांग

वाराणसी नगर निगम में एक अधिकारी पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगा है, जिसकी पीएम से जांच की मांग की गई है।

वाराणसी: रामनगर/प्रधानमंत्री व काशी क्षेत्र के सांसद श्री नरेंद्र मोदी को एक गंभीर शिकायत पत्र भेजा गया है, जिसमें नगर निगम वाराणसी के भीतर व्यापक अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और सरकारी पद के दुरुपयोग का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता अमित राय, कोदोपुर (रामनगर) ने नगर निगम के एक प्रभारी अधिकारी पर न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाने, बल्कि सरकारी संसाधनों का निजी लाभ के लिए खुलेआम दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

प्राप्त पत्र के अनुसार, रामनगर में तैनात जोनल अधिकारी और वर्तमान में प्रभारी अधिकारी (अधिष्ठान) मनोज कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और नगर निगम प्रशासन को गुमराह कर स्वयं की निजी गाड़ी Mahindra Bolero Neo N10(R) (रजिस्ट्रेशन नंबर: UP72BY9007) को निगम के नाम पर दर्ज करवाया और उसे नगर निगम के कार्यों में शामिल दिखाकर प्रति माह ₹38,000 किराया प्राप्त किया।

यह भी खुलासा हुआ है कि यह गाड़ी मूलतः एलएमवी (लाइट मोटर व्हीकल) श्रेणी की है, जबकि नगर निगम के उपयोग हेतु केवल एलसीवी (लाइट कमर्शियल व्हीकल) की ही स्वीकृति दी जाती है। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड खंगालने पर यह पूरा मामला सामने आया, जिससे यह सिद्ध होता है कि यह एक सुनियोजित भ्रष्टाचार की साजिश है, जिसमें नियमों की अनदेखी कर निगम के पैसे का दुरुपयोग किया गया।

शिकायतकर्ता अमित राय ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष विभागीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारी मनोज कुमार सिंह को निलंबित कर उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त यह भी आग्रह किया गया है कि इस तरह के भ्रष्टाचार को रोकने हेतु ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई अधिकारी इतनी हिम्मत न कर सके।

इस घटना ने सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि यह आरोप सिद्ध होते हैं तो यह न केवल एक प्रशासनिक विफलता का संकेत है, बल्कि सरकारी सेवा नियमों और जनहित की सीधी अवहेलना भी है।

अब यह देखना होगा कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस गंभीर शिकायत पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है, और क्या नगर निगम वाराणसी में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।

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