वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी को स्वच्छता में इंदौर की तरह देश में शीर्ष स्थान दिलाने की तैयारी जोरों पर है। इसी क्रम में वाराणसी नगर निगम की उच्चस्तरीय टीम, जिसमें मेयर अशोक कुमार तिवारी, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, अगस्त माह में इंदौर का दौरा करेगी। इस टीम का उद्देश्य इंदौर नगर निगम की कार्यप्रणाली, सफाई व्यवस्था में प्रयुक्त अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों का गहन अध्ययन कर काशी के लिए एक व्यवहारिक और प्रभावी मॉडल तैयार करना है।
वाराणसी और इंदौर के बीच स्वच्छता के क्षेत्र में व्यापक अंतर है। इंदौर में कचरे का 100 प्रतिशत सेग्रिगेशन (गीला, सूखा, इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा आदि) घर-घर से होता है, जबकि बनारस में अभी यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो सकी है। वहीं इंदौर, देश का पहला "वॉटर प्लस" शहर बन चुका है, जबकि बनारस अभी "ओडीएफ प्लस" श्रेणी में है। ऐसे में इंदौर की कार्यशैली और नीतियों को समझना काशी के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है।
पिछले सप्ताह इंदौर नगर निगम की एक टीम बनारस पहुंची थी, जिसने काशी की गलियों, घाटों, चौराहों और मुख्य सड़कों का निरीक्षण कर नगर निगम अधिकारियों से यहां की सफाई व्यवस्था, संसाधनों और मौजूदा चुनौतियों की जानकारी ली थी। इस दौरे के बाद इंदौर की टीम ने वाराणसी की सफाई व्यवस्था को लेकर एक तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इंदौर मॉडल को काशी की परिस्थितियों के अनुरूप ढालने की रणनीति तैयार की गई है।
बनारस की चुनौतियां: संकरी गलियां, नदियों का प्रदूषण और संसाधनों की कमी
इंदौर की टीम के अनुसार, काशी की सबसे बड़ी समस्याओं में वरुणा और अस्सी नदियों की सफाई और उनके आसपास के अवैध कब्जे हटाना प्रमुख है। गंगा को पूरी तरह स्वच्छ बनाए रखना भी एक चुनौती है, क्योंकि अभी अधिकांश नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिरता है। वहीं इंदौर में ऐसी स्थिति पर पूर्ण नियंत्रण है।
काशी की गलियां संकरी हैं और वहां भारी मशीनें नहीं चल सकतीं, जबकि इंदौर में चौड़ी सड़कों पर आधुनिक स्वीपर मशीनें चलाई जाती हैं। इंदौर में कुल 27 स्वीपर मशीनें हैं, जबकि बनारस में केवल एक ही मशीन है। इंदौर पूरी तरह डस्टबिन फ्री शहर बन चुका है, जबकि बनारस में हर चौराहे पर कूड़ेदान लगे हैं। इंदौर मॉडल के अनुसार, अब दुकानों और संस्थानों को स्वयं कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिससे सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैले।
संसाधनों में भी बड़ा अंतर
कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो बनारस में सफाई मित्रों की संख्या 3500 है, जबकि इंदौर में यह संख्या लगभग 7500 तक पहुंच चुकी है। इंदौर में लगभग 1100 अधिकारी-कर्मचारी हैं, जबकि काशी में 6500 के करीब। हालांकि इंदौर में एक-एक अधिकारी को विशिष्ट तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त है। इसी को देखते हुए अब बनारस में सफाई से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है, ताकि वे आधुनिक तरीके से काम कर सकें।
इसके अलावा, काशी में फिलहाल कचरे को घरों से अलग-अलग करके नहीं उठाया जाता है। इस व्यवस्था को जल्द लागू करने की दिशा में काम होगा और नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी लागू होगी।
निगम को मिलेगा वित्तीय सशक्तिकरण, बढ़ेंगे ट्रांसफर स्टेशन और यूरिनल
इंदौर की तरह वाराणसी नगर निगम को भी वित्तीय रूप से अधिक सक्षम बनाने के लिए निगम आयुक्त के वित्तीय अधिकार बढ़ाने की दिशा में संशोधन प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। साथ ही, शहर में कचरा ट्रांसफर स्टेशन और प्रोसेसिंग प्लांट की संख्या बढ़ाई जाएगी। सार्वजनिक सुविधाओं की बात करें तो बनारस में इस समय केवल 40 यूरिनल हैं, जबकि इंदौर में इनकी संख्या 300 के पार है। बनारस में भी इस दिशा में तीव्र गति से कार्य होगा।
मेयर अशोक कुमार तिवारी ने कहा, “अगस्त में हम इंदौर जाकर वहां की व्यवस्थाएं और सुविधाएं देखेंगे। यह समझना जरूरी है कि वे स्वच्छता रैंकिंग में इतना ऊपर कैसे पहुंचे। क्या तकनीक, क्या संसाधन उनके पास हैं और हमारे पास नहीं। जो कमी होगी, उसे हम दूर करेंगे। वाराणसी को स्वच्छता में शीर्ष पर लाना हमारा लक्ष्य है।”
इंदौर नगर निगम की यह जिम्मेदारी भी अभूतपूर्व है, क्योंकि पहली बार किसी नगर निगम को देश के दूसरे शहर को स्वच्छता सुधार में मॉडल और मार्गदर्शक के रूप में कार्य करने की भूमिका सौंपी गई है। ऐसे में वाराणसी और इंदौर के बीच यह सहयोग मॉडल देशभर के नगर निगमों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है।
काशी के सांस्कृतिक गौरव को स्वच्छता के साथ जोड़ते हुए अब एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो यह न केवल स्वच्छता रैंकिंग में काशी की स्थिति को ऊंचा करेगा, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी एक सुखद अनुभव सुनिश्चित करेगा।
काशी की सफाई को मिलेगी इंदौर की धार, अगस्त में होगी बदलाव की शुरुआत

वाराणसी को इंदौर की तरह स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम की टीम अगस्त में इंदौर का दौरा करेगी, जहां वे इंदौर नगर निगम की कार्यप्रणाली और सफाई व्यवस्था का अध्ययन करेंगे।
Category: uttar pradesh local news
LATEST NEWS
-
वाराणसी: आईआईटी बीएचयू में भारत इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 सफलतापूर्वक संपन्न
आईआईटी बीएचयू वाराणसी में दो दिवसीय भारत इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 विचारों को प्रोत्साहित करते हुए संपन्न हुआ।
BY : Garima Mishra | 19 Sep 2025, 12:45 PM
-
वाराणसी: रामनगर-सरकारी नौकरी के नाम पर युवती से 5 लाख की ठगी, फर्जी IAS सहित 3 पर FIR
अंबेडकर नगर की युवती को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 5 लाख रुपये ठगे गए, फर्जी आईएएस अधिकारी समेत तीन पर मुकदमा दर्ज हुआ।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 19 Sep 2025, 12:49 PM
-
वाराणसी: प्राथमिक विद्यालय में दिव्यांग छात्रा तीन घंटे कमरे में रही बंद, परिजनों ने न्याय की लगाई गुहार
वाराणसी के एक प्राथमिक विद्यालय में दिव्यांग छात्रा को तीन घंटे तक कमरे में बंद किया गया, परिजनों ने पुलिस की मदद से उसे बाहर निकाला।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 19 Sep 2025, 12:28 AM
-
वाराणसी: PM मोदी के 75वें जन्मदिन पर विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने की प्रभुजनों की सेवा, वृद्धजनों को कराया भोजन
वाराणसी में कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर अपना घर आश्रम में 600 से अधिक वृद्धजनों को भोजन कराया।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 18 Sep 2025, 07:31 PM
-
वाराणसी: BHU के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, परिवार और साथियों में शोक की लहर
वाराणसी में BHU के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र ने किराये के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या की, सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
BY : SANDEEP KR SRIVASTAVA | 18 Sep 2025, 07:06 PM