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वाराणसी: फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 26 आरोपित गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी का खुलासा

वाराणसी: फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 26 आरोपित गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी का खुलासा

वाराणसी पुलिस ने निवेश और शेयर बाजार के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर 26 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

वाराणसी: पुलिस कमिश्नरेट की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए निवेश और शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से कुल 26 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई थाना लंका और थाना सिगरा की संयुक्त टीम ने की। गिरफ्तार किए गए आरोपित एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े थे, जो लोगों को लालच देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे।

पुलिस के अनुसार, इन लोगों ने वाराणसी में एक कॉल सेंटर बनाकर लोगों को निवेश और शेयर मार्केट से जुड़े आकर्षक ऑफर दिए। आरोपित सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से निवेशकों का डाटा इकट्ठा करते थे और फिर उन्हें टेली कॉलिंग व व्हाट्सएप के जरिए संपर्क कर फर्जी स्कीम में पैसे लगाने के लिए उकसाते थे। ग्राहकों को भरोसा दिलाने के लिए उन्हें नकली वेबसाइट और फर्जी ट्रेडिंग वीडियो भी भेजे जाते थे। जब कोई व्यक्ति निवेश कर देता तो आरोपित उससे नियमित संपर्क कर उसे लाभ मिलने की झूठी जानकारी देते और कुछ रकम वापस कर उसका विश्वास जीतते। बाद में बड़े निवेश की राशि हड़पकर ठग गायब हो जाते थे।

इस कॉल सेंटर के खिलाफ थाना साइबर क्राइम, थाना लंका और थाना सिगरा पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान 9 लैपटॉप, 3 डेस्कटॉप, 54 मोबाइल फोन, 6 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 15 डेबिट व क्रेडिट कार्ड, 13 पासबुक और बड़ी संख्या में चेकबुक व बैंक लेटर बरामद किए गए। बरामद उपकरणों से पुलिस को देशभर में फैले 27 अलग-अलग जिलों से दर्ज 31 लाख से अधिक की ठगी की शिकायतों का पता चला है।

गिरफ्तार आरोपितों में उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से कृष्ण कुमार उपाध्याय, धनंजय चौहान, दिव्यांशु उपाध्याय, चंदन पांडेय, हर्षित दुबे सहित अन्य कई युवक शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि गिरोह का मास्टरमाइंड लोगों को बड़े मुनाफे का झांसा देकर निवेश कराने का दबाव बनाता था और ठगी की रकम का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा अपने व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर कर लेता था।

पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई आयुक्त मोहित अग्रवाल और पुलिस उपायुक्त अपराध व साइबर क्राइम टीम के नेतृत्व में की गई। टीम में शामिल कई थानों के पुलिसकर्मियों ने दिन-रात मेहनत कर इस बड़े नेटवर्क का खुलासा किया।

गिरफ्तार गिरोह पर आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस अब इनके बैंक खातों, मोबाइल डाटा और जब्त उपकरणों की गहन जांच कर रही है ताकि इनके अन्य नेटवर्क और संबंधित ठगी की घटनाओं का भी खुलासा किया जा सके।

यह मामला वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल और पूर्वी भारत में सक्रिय साइबर अपराधियों की बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध निवेश स्कीम या कॉल से बचें और ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।

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