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वाराणसी: साइबर सेल ने फर्जी सिम कार्ड गिरोह का किया भंडाफोड़, मुख्य सदस्य गिरफ्तार

वाराणसी: साइबर सेल ने फर्जी सिम कार्ड गिरोह का किया भंडाफोड़, मुख्य सदस्य गिरफ्तार

वाराणसी पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड तैयार कर साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर मुख्य आरोपी अजय मौर्या को गिरफ्तार किया

वाराणसी: पुलिस कमिश्नरेट की साइबर सेल और थाना चेतगंज पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी तरीके से सिम कार्ड तैयार कर उन्हें साइबर अपराधियों को सप्लाई करता था। पुलिस ने गैंग के मुख्य सदस्य अजय मौर्या को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से 117 सिम कार्ड, चार मोबाइल फोन और 33 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इनमें 111 सिम कार्ड अनएक्टिवेटेड और छह एक्टिव पाए गए। पुलिस की जांच में सामने आया कि अजय मौर्या वोडाफोन कंपनी का सब एजेंट था और इसी पद का दुरुपयोग कर वह अवैध कारोबार को अंजाम देता था।

एसीपी साइबर क्राइम विदूष सक्सेना ने बताया कि कंपनी के डायरेक्ट सेल्स एग्जिक्यूटिव प्रियेश गुप्ता ने इस धोखाधड़ी की शिकायत चेतगंज थाने में दर्ज कराई थी। शिकायत और साक्ष्यों के आधार पर थाना चेतगंज में मुकदमा पंजीकृत किया गया जिसमें धारा 318 (4) बीएनएस 2023, 111 बीएनएस 2023 तथा 66C आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। विवेचना के दौरान तकनीकी साक्ष्यों और इनपुट के आधार पर पुलिस ने दबिश दी और अजय मौर्या को पिशाचमोचन क्षेत्र से गिरफ्तार किया। मौके से भारी मात्रा में सिम कार्ड और नकदी बरामद हुई।

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ग्राहकों को गुमराह करने के लिए यह बहाना बनाता था कि नेटवर्क सर्वर डाउन है और उनका पुराना सिम कार्ड दोबारा एक्टिवेट करना पड़ेगा। इसी बहाने वह उन्हीं ग्राहकों के नाम पर नए सिम कार्ड जारी करता और फिर उन्हें महंगे दामों पर दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों को बेच देता। आरोपी इन सिम कार्डों को कूरियर सेवा और बसों के जरिए सप्लाई करता था। पुलिस का कहना है कि ये सिम कार्ड ऑनलाइन फ्रॉड, फर्जी कॉल सेंटर, बैंकिंग धोखाधड़ी और अन्य साइबर अपराधों में उपयोग किए जाते थे।

गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आरोपी अजय मौर्या मूल रूप से चंदौली जिले के शहाबगंज थाना क्षेत्र के भटरौल गांव का रहने वाला है और लंबे समय से इस अवैध कारोबार में सक्रिय था। पुलिस ने उसका लाइसेंस रद्द कराने के लिए कंपनी को भी सूचना भेज दी है। एसीपी विदूष सक्सेना ने कहा कि साइबर अपराधों की जड़ में अक्सर ऐसे ही लोग होते हैं जो फर्जी सिम सप्लाई कर अपराधियों को मजबूत आधार देते हैं। पुलिस इन पर लगातार निगरानी रख रही है और भविष्य में भी ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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