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वाराणसी: रामनगर/मूलभूत सुविधाओं का अभाव, पार्षद रामकुमार यादव ने उठाई आवाज, सीएम से लगाई गुहार

वाराणसी: रामनगर/मूलभूत सुविधाओं का अभाव, पार्षद रामकुमार यादव ने उठाई आवाज, सीएम से लगाई गुहार

वाराणसी के रामनगर में नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, पार्षद रामकुमार यादव ने नगर निगम की अनदेखी के खिलाफ आवाज उठाई और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।

वाराणसी: रामनगर/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पावन भूमि रामनगर इन दिनों वाराणसी नगर निगम की लापरवाही की मार झेल रहा है। वार्ड संख्या 65, पुराना रामनगर की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि नागरिकों को न तो साफ सड़कों का सहारा है, न जल निकासी की व्यवस्था और न ही सार्वजनिक रोशनी का कोई प्रबंध।

स्थानीय पार्षद रामकुमार यादव जनता की आवाज बनकर नगर निगम से लेकर नगर आयुक्त और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों तक कई बार लिखित व मौखिक शिकायतें कर चुके हैं। उन्होंने कई बार अधिकारियों को मौके का निरीक्षण भी करवाया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

हमारे संवाददाता से बात करते हुए पार्षद रामकुमार यादव ने साफ शब्दों में कहा कि नगर निगम के अधिकारियों का रामनगर के प्रति ऐसा उदासीन रवैया समझ से परे है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अधिकारी एक जनप्रतिनिधि की भी नहीं सुनते, जिसे जनता ने चुना है, तो आम लोगों की फरियाद का क्या होगा?

वार्ड में सीवर लाइनें महीनों से चोक हैं, जिनकी आज तक सफाई नहीं हो पाई है। शव यात्रा मार्ग खस्ताहाल है, जिससे अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मोहर्रम का त्योहार चल रहा है और मुस्लिम बहुल इलाकों की गलियां अंधेरे में डूबी हुई हैं। कई जगहों पर स्ट्रीट लाइटें खराब हैं या पूरी तरह से बंद हैं। पार्षद के अनुसार जनकपुर, वाजिदपुर और वारीगढही जैसे मोहल्लों में तो हालात और भी खराब हैं, जहां घरों में सीवर का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। लोगों को नाक पर रूमाल रखकर निकलना पड़ रहा है, तो कहीं गंदे पानी में पैदल चलना उनकी मजबूरी बन गई है।

रामकुमार यादव ने कहा कि जब रामनगर नगरपालिका हुआ करता था, तब यहां के नागरिक बेहतर जीवन जी रहे थे, लेकिन नगर निगम में विलय के बाद स्थिति दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। उन्होंने नगर विकास मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मीडिया के माध्यम से अपील की है कि वे वाराणसी नगर निगम की इस घोर लापरवाही का संज्ञान लें और तत्काल प्रभाव से रामनगर की समस्याओं के समाधान का आदेश जारी करें।

पार्षद ने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ एक वार्ड की नहीं, बल्कि पूरे रामनगर की समस्या है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ऐसी दुर्दशा किसी भी स्तर पर शोभनीय नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे स्वयं या किसी जिम्मेदार अधिकारी को रामनगर भेजकर वस्तुस्थिति का जायजा लें और इस ऐतिहासिक नगर की जनता को नरकीय जीवन से निजात दिलाने का उपाय करें।

फिलहाल, रामनगर की सड़कों पर बदबू, सीवर के गंदे पानी और अंधेरे का आलम कायम है। लोगों की उम्मीदें सरकार से हैं कि वे उनकी बेसिक जरूरतों की सुध लें और नगर निगम को जगाकर उनके जीने के हक को बहाल करें।

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