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वाराणसी बना आभा आईडी कार्ड बनाने में चौथा सबसे तेज जिला, पूर्वांचल में दूसरे स्थान पर

वाराणसी बना आभा आईडी कार्ड बनाने में चौथा सबसे तेज जिला, पूर्वांचल में दूसरे स्थान पर

अक्टूबर में वाराणसी ने आभा आईडी कार्ड बनाने में प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है, जो डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण प्रगति है।

वाराणसी ने अक्टूबर महीने में आभा आईडी कार्ड बनाने की रफ्तार में उल्लेखनीय प्रगति की है और उत्तर प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल स्वरूप देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आभा आईडी कार्ड अभियान के तहत अब तक लाखों नागरिकों का डेटा डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ चुका है, जिससे मरीजों को अपनी स्वास्थ्य जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेगी।

प्रदेश स्तर पर जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार प्रयागराज 39.9 लाख कार्ड बनाकर पहले स्थान पर है, जबकि बरेली 33.6 लाख कार्ड के साथ दूसरे और आजमगढ़ 32.6 लाख कार्ड के साथ तीसरे स्थान पर है। वाराणसी 31.4 लाख कार्ड बनाकर चौथे स्थान पर पहुंच गया है। सीतापुर, बिजनौर, गोरखपुर, जौनपुर, अलीगढ़ और हरदोई जैसे जिले भी शीर्ष दस की सूची में शामिल हैं।

पूर्वांचल क्षेत्र में वाराणसी दूसरे स्थान पर है, जबकि आजमगढ़ पहले स्थान पर है। जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मीरजापुर, चंदौली, मऊ, सोनभद्र और भदोही जैसे जिले भी अभियान में सक्रिय हैं। इनमें गाजीपुर में 25.1 लाख, बलिया में 22 लाख, मीरजापुर में 17.6 लाख और चंदौली में 15 लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि पूर्वांचल के जिलों में डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ रही है।

अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी ने इस अभियान में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन प्रदेश में शीर्ष स्थान पाने के लिए और अधिक प्रयास की आवश्यकता है। आभा कार्ड बनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को एक यूनिक हेल्थ आईडी प्रदान करना है, जिससे उनके मेडिकल रिकॉर्ड को डिजिटल माध्यम में सुरक्षित रखा जा सके और किसी भी अस्पताल या डॉक्टर के पास तुरंत पहुंचाया जा सके।

आभा कार्ड 14 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या होती है, जो नागरिकों को देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं तक सरल पहुंच देती है। इस कार्ड के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड डॉक्टरों और अस्पतालों के साथ साझा कर सकते हैं। साथ ही यह स्वास्थ्य बीमा और आयुष सेवाओं से भी जुड़ा हुआ है, जिससे लोगों को विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है।

आभा आईडी बनाना बेहद सरल प्रक्रिया है। नागरिक आधिकारिक आभा वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। उपयोगकर्ता को अपना आधार या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करना होता है, जिसके बाद मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाता है। सत्यापन के बाद आभा आईडी कार्ड तुरंत जनरेट हो जाता है। यह कार्ड ऑनलाइन डाउनलोड भी किया जा सकता है।

प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में प्रत्येक नागरिक के पास एक डिजिटल हेल्थ आईडी हो, जिससे चिकित्सा सेवाओं में पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ें। वाराणसी प्रशासन ने इस दिशा में गांव से लेकर शहर तक विशेष शिविरों का आयोजन शुरू कर दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से जुड़ सकें।यह अभियान डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आने वाले समय में यह भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक नई दिशा देगा, जहां हर नागरिक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड सुरक्षित, सुलभ और डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा।


SOURCE :- Dainik Jagran

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