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वाराणसी: खेत जा रहे दो सगे भाइयों की दीवार गिरने से दर्दनाक मौत, गांव में मचा कोहराम

वाराणसी: खेत जा रहे दो सगे भाइयों की दीवार गिरने से दर्दनाक मौत, गांव में मचा कोहराम

वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र में दर्दनाक हादसा, खेत जा रहे दो सगे भाइयों की दीवार गिरने से मलबे में दबकर मौके पर ही मौत, गांव में कोहराम।

वाराणसी: चोलापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भैठोली गांव में बुधवार की सुबह ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। गांव के ही निवासी 18 वर्षीय आदित्य गौतम और उसका छोटा भाई 16 वर्षीय अंकित गौतम सुबह-सुबह खेत की ओर निकले थे, जहां उन्हें धान की नर्सरी लगानी थी। मगर खेत तक पहुंचने से पहले ही मौत ने दोनों भाइयों को अपने आगोश में ले लिया। महज 300 मीटर की दूरी तय करने के बाद दिलीप कुमार के पुराने कच्चे मकान की दीवार अचानक भरभरा कर गिर पड़ी और दोनों भाइयों को मलबे में जिंदा दफन कर दिया।

घटना इतनी अचानक और भीषण थी कि जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक दोनों भाई दम तोड़ चुके थे। जिस रास्ते से वे बाइक से खेत की ओर जा रहे थे, वहीं पर जर्जर मकान की दीवार का मलबा उनके ऊपर आ गिरा। गांव वालों ने दौड़कर मलबे से निकालने की कोशिश की, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मौके पर ही दोनों की मौत की पुष्टि हो गई।

इस दुखद हादसे की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। मृतकों के घर पर मातम पसरा है। पिता संतोष कुमार, जो कि वाराणसी के नदेसर में पोस्टमैन के पद पर तैनात हैं, जैसे ही अपने दोनों बेटों की मौत की खबर सुनकर पहुंचे, तो बदहवासी की हालत में उन्हें संभालना मुश्किल हो गया। मां नीलम देवी पर तो जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा। रो-रोकर उनकी आंखें सूज गईं, और होश तक जवाब देने लगा।

घर में कुल पांच भाई-बहन हैं। आदित्य सबसे बड़ा था और इंटरमीडिएट का छात्र था। अंकित हाईस्कूल में पढ़ता था। उनसे छोटे दो भाई मोनू (9 वर्ष) और अंश (6 वर्ष) हैं, जबकि बहन आनंदी सबसे छोटी है। इन बच्चों के सिर से दो भाईयों का साया एक साथ उठ जाना पूरे परिवार के लिए ऐसी त्रासदी है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो सके।

पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने के साथ ही दोनों शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों से बातचीत के दौरान पुलिस ने सांत्वना दी, हालांकि परिवार की तरफ से अब तक किसी के खिलाफ कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।

ग्रामीणों ने इस हादसे के बाद प्रशासन से मांग की है कि गांव में पुराने और जर्जर मकानों की पहचान कर उन्हें गिराने या पुनर्निर्माण के आदेश दिए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। भैठोली गांव आज गम और सन्नाटे के साये में डूबा है, जहां हर कोई इन दो किशोर भाइयों की असामयिक मौत को लेकर शोकाकुल है। दो जिंदगियों के अचानक यूं चले जाने से गांव में सिर्फ एक सवाल गूंज रहा है । काश यह दीवार पहले ही गिरा दी गई होती!

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Category: accident local news

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