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वाराणसी: रामनगर-नमो घाट के बीच वाटर बोट सेवा अगले महीने से होगी शुरू, ट्रायल सफल

वाराणसी: रामनगर-नमो घाट के बीच वाटर बोट सेवा अगले महीने से होगी शुरू, ट्रायल सफल

वाराणसी में रामनगर से नमो घाट तक वाटर बोट सेवा का ट्रायल सफल रहा, यह अगले महीने से शुरू होगी।

वाराणसी/रामनगर: गंगा नदी पर वाराणसी में जल्द ही जल परिवहन का एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। रामनगर स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल से नमो घाट तक वाटर बोट सेवा को नियमित रूप से शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुँच गई है। शनिवार को दो बोट के सफल ट्रायल के साथ प्रशासन ने संकेत दे दिया कि अगले महीने से शहरवासियों और पर्यटकों को यह नई सुविधा मिल सकती है। हालांकि, शुरूआत से पहले घाटों पर यात्रियों के चढ़ने-उतरने के लिए जेटी लगाने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए नगर निगम के साथ विभाग स्तर पर पत्राचार जारी है।

करीब दो वर्ष पहले गुजरात की एक कंपनी ने सीएसआर फंड के तहत वाराणसी के लिए 10 आधुनिक वाटर बोट उपलब्ध कराई थीं। इनका संचालन दायित्व वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (VCTSL) को सौंपा गया था, परंतु विभिन्न कारणों से बोटें लंबे समय तक टर्मिनल पर खड़ी रहीं और सेवा शुरू नहीं हो सकी। बीच में पर्यटन विभाग को हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अंततः फैसले में बदलाव हुआ और संचालन की जिम्मेदारी फिर से सिटी ट्रांसपोर्ट को ही दी गई। वर्तमान में सभी बोटें राल्हूपुर (रामनगर) स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल में खड़ी हैं और तेज़ी से इनके सुंदरीकरण व तकनीकी सुधार का काम चल रहा है।

इस बार प्रशासन ने बोट संचालन को सुचारु बनाने के लिए प्राइवेट सेवा प्रदाता के साथ साझेदारी का मॉडल अपनाया है। वीसीटीएसएल ने क्षेत्र के अनुभवी बोट सेवा प्रदाता रामनरेश निषाद के साथ अनुबंध किया है। समझौते के अनुसार यात्रियों के लिए आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने हेतु बोटों के भीतरी और बाहरी ढांचे में व्यापक बदलाव किए गए हैं। दोनों ओर बड़े शीशे लगाए गए हैं ताकि यात्रा के दौरान गंगा के किनारों और घाटों का स्पष्ट व सुंदर दृश्य मिल सके। सीटों के कवर बदले गए हैं और बोट की बॉडी को भी बेहतर डिज़ाइन के साथ अपडेट किया गया है। दो बोट पूरी तरह तैयार होकर ट्रायल में सफल रही हैं, जबकि दो और बोटों के सौंदर्यीकरण पर तेजी से कार्य जारी है।

यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बोटों की बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होगी। सेवा प्रदाता द्वारा एक एप या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की जा रही है, जिससे यात्री अग्रिम बुकिंग कर सकेंगे। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (VCTSL) ए.के. सिंह के अनुसार, सेवा शुरू करने के लिए घाटों पर जेटी लगाना अनिवार्य है। जेटी के अभाव में सुरक्षित चढ़ना-उतरना संभव नहीं होगा, इसलिए नगर निगम से इसकी स्वीकृति और स्थापना को लेकर संपर्क लगातार जारी है।

प्रत्येक बोट में 50 यात्रियों की क्षमता होगी। किराये को लेकर बनी जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने दरें भी निर्धारित कर दी हैं। प्रस्तावित किराया न्यूनतम 125 रुपये और अधिकतम 325 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है, जो विभिन्न दूरी और रूट के अनुसार लागू होगा। वहीं दशाश्वमेध घाट की विश्व-प्रसिद्ध गंगा आरती को बोट से देखने के इच्छुक यात्रियों के लिए दो घंटे की विशेष यात्रा का किराया 175 रुपये प्रति व्यक्ति तय किया गया है।

जलमार्ग आधारित यह सेवा न केवल शहर के अंदर यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि पर्यटन को भी एक नया आयाम देगी। गंगा के तटों पर लगातार बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए यह परियोजना शहर के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि इससे घाटों के बीच की दूरी कम समय में तय होने लगेगी और शहर की ट्रैफिक समस्या में भी कुछ राहत मिलेगी।

वाराणसी प्रशासन और सिटी ट्रांसपोर्ट का मानना है कि यदि आवश्यक अवसंरचना समय से तैयार हो जाती है, तो अगले महीने शहर के लिए यह बहुप्रतीक्षित वाटर बोट सेवा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही काशी के जलमार्गों पर परिवहन और पर्यटन का एक नया दौर शुरू होने की संभावना मजबूत हो गई है।

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