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जरगो जलाशय हत्या कांड: डेढ़ पाव मछली के लिए गई युवक की जान, चार आरोपी गिरफ्तार, गांव में मातम का माहौल

जरगो जलाशय हत्या कांड: डेढ़ पाव मछली के लिए गई युवक की जान, चार आरोपी गिरफ्तार, गांव में मातम का माहौल

मिर्जापुर के जरगो जलाशय में डेढ़ पाव मछली के लिए युवक प्रदीप पटेल की हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार।

मिर्जापुर: जरगो जलाशय में मछली पकड़ने गए युवक की हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया है। घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल है और गुस्से से भरे ग्रामीणों का आक्रोश अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि प्रदीप पटेल की मौत सिर पर चोट लगने और पानी में डूबने से हुई। मछली मारने के दौरान ठेकेदार के चौकीदारों ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर उसे जलाशय में फेंक दिया था। सिर पर चोट लगने और तैरना न जानने के कारण उसकी सांसें वहीं थम गईं।

गुरुवार को दोपहर करीब जरगो जलाशय के आठवें गेट के पास कटिया डालकर मछली मारने पर ठेकेदार के चौकीदारों ने प्रदीप पर हमला कर दिया। गवाहों के अनुसार, उसे हॉकी से बुरी तरह पीटने के बाद पानी में धकेल दिया गया। जब तक लोग कुछ समझ पाते, उसकी जान जा चुकी थी। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया।

हत्या की खबर मिलते ही कई गांवों के ग्रामीण एकजुट होकर जलाशय पहुंचे और ठेकेदार के भवन पर जोरदार हंगामा किया। महिलाएं भी इस विरोध में शामिल हुईं और आक्रोशित भीड़ ने मार्ग जाम कर दिया। घंटों तक स्थिति बिगड़ती चली गई, जिसके बाद कई थानों की पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और देर रात तक स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करते रहे।

अहरौरा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें कृष्णानंद निवासी गौरा चुनार, सुरेश सिंह निवासी सेटलमेंट एरिया चुनार, मनीष प्रजापति निवासी गौरा चुनार और सुजीत चौबे निवासी अघवार थाना अहरौरा शामिल हैं। पुलिस ने सभी पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है और आगे गैंगस्टर एक्ट समेत अन्य धाराओं में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

आयुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी ने मृतक की पत्नी प्रियंका पटेल से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रियंका को निराश्रित पेंशन, दोनों बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चार हजार रुपये प्रति माह सहायता और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। वहीं, आईजी आरपी सिंह ने इस प्रकरण की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया।

शुक्रवार सुबह प्रदीप पटेल का अंतिम संस्कार पुलिस सुरक्षा में चील्ह घाट पर किया गया। पिता राम अक्षत पटेल ने नम आंखों से बेटे को मुखाग्नि दी। इस दृश्य ने हर किसी को भावुक कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रदीप बेहद मिलनसार और मददगार स्वभाव का था। उसकी मौत से गांव की पूरी आबादी सदमे में है। अब उसकी पत्नी और छोटे-छोटे बच्चे बेसहारा हो गए हैं।

गौरतलब है कि जलाशय पर कटिया डालकर मछली मारना वर्षों से विवाद का कारण रहा है। डेढ़ पाव मछली के लिए जान गंवाने की यह पहली घटना नहीं है। जुलाई 2019 और जुलाई 2022 में भी ऐसे हादसों में ग्रामीणों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन में सुधार नहीं हुआ। प्रदीप पटेल की मौत ने एक बार फिर इन व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।

फिलहाल, जरगो जलाशय और आसपास के गांवों में तनावपूर्ण शांति है। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों की आंखों में गुस्सा और आंसू दोनों ही साफ झलकते हैं। प्रदीप की मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक डेढ़ पाव मछली के लिए इंसानों की जान जाती रहेगी।

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