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अलीगढ़: फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का खुलासा, रोहिंग्या को भी कार्ड देने का शक

अलीगढ़: फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का खुलासा, रोहिंग्या को भी कार्ड देने का शक

अलीगढ़ में सरकारी साइटें हैक कर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का खुलासा हुआ, आशंका है कि रोहिंग्या व घुसपैठियों को भी कार्ड दिए गए।

अलीगढ़ में एसआईआर सर्वे के बीच आधार कार्ड से जुड़ी एक बड़ी अनियमितता सामने आई है। सरकारी साइटें हैक कर कूटरचित आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह की गतिविधियां कई एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं। जांच में यह आशंका गहराई है कि यह नेटवर्क रोहिंग्या, नेपाल मूल के लोगों और अन्य घुसपैठियों के लिए आधार कार्ड तैयार कर चुका है। इसी बीच सरकार ने आधार कार्ड को जन्मतिथि के प्रमाण पत्र के रूप में मान्यता समाप्त कर दी है, जिससे इस प्रकरण की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।

एसटीएफ लखनऊ यूनिट ने पांच और छह नवंबर की रात क्वार्सी के जीवनगढ़ इलाके में छापेमारी कर दो जनसेवा केंद्र संचालक साजिद हुसेन और नईमुद्दीन को गिरफ्तार किया था। गिरोह का सरगना और उसके तीन साथी अभी भी फरार हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क पश्चिम बंगाल की सीमा पर सक्रिय फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह से जुड़ा है और अब तक पांच हजार से अधिक कूटरचित आधार कार्ड बना चुका है। यह गिरोह लगातार विकसित हो रहे मुस्लिम बहुल इलाकों से ऑपरेट कर रहा था, जिससे जांच एजेंसियों को शक है कि रोहिंग्या समेत अन्य घुसपैठियों के लिए भी आधार तैयार किए गए होंगे।

एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि पुलिस इस मामले की पूरी विवेचना कर रही है और साइबर जांच के जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि कितने आधार कार्ड बनाए गए। उन्होंने माना कि यह संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि इन आधार कार्डों में रोहिंग्या या अन्य घुसपैठियों के विवरण शामिल हों। उन्होंने कहा कि यदि एजेंसियों को पुलिस की किसी भी प्रकार की सहायता की जरूरत होगी तो पूरी मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद एटीएस सहित कई अन्य जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। खुफिया इनपुट में यह भी सामने आया है कि अलीगढ़ लंबे समय से घुसपैठियों के लिए पनाहगाह की तरह प्रयोग होता रहा है। साथ ही प्रदेश में चल रहे फर्जी आधार कार्ड नेटवर्क की जड़ें भी यहीं गहरी हैं। इस कारण इस गिरोह द्वारा बनाए गए सभी आधार कार्डों को जांच के दायरे में लिया गया है। एजेंसियां इन कार्डों से जुड़े अन्य प्रमाण पत्रों की भी समीक्षा कर रही हैं ताकि इन्हें रद्द कराने की प्रक्रिया तेज की जा सके। जांच यह भी पता लगाने पर केंद्रित है कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोग कौन हैं और किन जिलों में यह गतिविधियां चलाई जा रही थीं।

जांच में अभी तक यह सामने आया है कि इस गिरोह ने अलीगढ़ के अलावा पश्चिमी यूपी के हाथरस, बुलंदशहर, कासगंज, एटा, बदायूं, संभल, अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर जिलों में भी आधार कार्ड बनाए थे। इसके अलावा एक अन्य मामले में बिहार नेटवर्क ने पालीमुकीमपुर क्षेत्र के पंचायत सचिव की आईडी हैक कर 597 आधार कार्ड बनाए थे। ये सभी आधार कार्ड भी अब गहन जांच के दायरे में हैं और इन्हें रद्द करने की तैयारी की जा रही है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ये आधार कार्ड फर्जी नहीं हैं, क्योंकि इन्हें सरकारी साइटों को हैक कर ही बनाया गया है, लेकिन इन्हें कूटरचित जरूर माना जाएगा। गलत तरीके से जारी किए गए इन कार्डों के पीछे की पूरी प्रक्रिया की जांच की जा रही है और डेटा संकलन के आधार पर संदिग्ध आधार कार्ड चिह्नित कर उन्हें रद्द किया जाएगा। मामले में व्यापक जांच जारी है और एजेंसियां उन सभी सुरागों को खंगाल रही हैं, जिनसे इस नेटवर्क का पूरा विस्तार सामने आ सके।

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