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काशी हिंदू विश्वविद्यालय का 105वां दीक्षा समारोह 12 दिसंबर को, 13,650 विद्यार्थी होंगे सम्मानित

काशी हिंदू विश्वविद्यालय का 105वां दीक्षा समारोह 12 दिसंबर को, 13,650 विद्यार्थी होंगे सम्मानित

काशी हिंदू विश्वविद्यालय का 105वां दीक्षा समारोह 12 दिसंबर को होगा जिसमें 13,650 विद्यार्थियों को डिग्रियां मिलेंगी; नीति आयोग के सदस्य डॉ. सारस्वत होंगे मुख्य अतिथि.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय का 105वां दीक्षा समारोह 12 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा जिसमें कुल 13,650 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की जाएंगी. मुख्य समारोह स्वतंत्रता भवन में सुबह 11 बजे शुरू होगा और विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे आयोजन को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. इस वर्ष मेधावियों के लिए कुल 554 पदक रखे गए हैं जिनमें 60 प्रतिशत से अधिक छात्राओं को प्राप्त होंगे. विज्ञान और कला संकायों के छात्रों का इस बार भी वर्चस्व प्रमुख रूप से दिखेगा. समारोह में नीति आयोग के सदस्य और जेएनयू के कुलाधिपति डॉ विजय कुमार सारस्वत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. डॉ सारस्वत भारत के स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रमों और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं और रक्षा वैज्ञानिक के रूप में उनकी भूमिका देश की रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में निर्णायक रही है. इसके साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा, सुपरकंप्यूटिंग और मेथनाल अर्थव्यवस्था जैसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मिशनों में भी वह निरंतर मार्गदर्शन देते रहे हैं. केंद्रीय कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो अजित कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि मुख्य समारोह के दौरान 29 मेधावी विद्यार्थियों को मंच से विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा. इनमें दो चांसलर पदक, दो स्वर्गीय महाराजा विभूति नारायण सिंह स्वर्ण पदक और 29 बीएचयू पदक शामिल हैं. विश्वविद्यालय की परंपरागत दीक्षा पोशाक, साफा और उत्तरिया का वितरण संकाय स्तर पर किया जा रहा है और बुधवार तक 11,000 विद्यार्थियों ने समारोह में उपाधि ग्रहण करने के लिए सहमति दर्ज करा दी है. समारोह का लाइव प्रसारण बीएचयू की वेबसाइट और आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध रहेगा. मुख्य समारोह के बाद 12 से 14 दिसंबर तक विभिन्न संस्थानों और संकायों में उपाधि वितरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

इस बीच विश्वविद्यालय परिसर में एक अन्य मुद्दा भी चर्चा में है. कई प्राध्यापकों की बेटियों को गोल्ड मेडल मिलने की बात सामने आने पर परीक्षा नियंता प्रो सुषमा घिल्डियाल से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि किसी प्रोफेसर की बेटी को इस बार गोल्ड मेडल मिल रहा है. जब उनसे यह पूछा गया कि तीन अलग अलग प्राध्यापकों की बेटियों को गोल्ड मेडल मिलने को भी क्या संयोग माना जाए तो वह इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकीं. कुलपति प्रो चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें इस विषय की जानकारी नहीं थी और वह विवरण प्राप्त कर औपचारिक उत्तर देंगे. ज्ञात हो कि संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो सदाशिव कुमार द्विवेदी की पुत्री अनुराधा को चांसलर मेडल सहित आठ अन्य पदक दिए जाएंगे. इसके अलावा कुलगुरु प्रो संजय कुमार और न्यूरोलाजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो वीएन मिश्र की पुत्री को भी गोल्ड मेडल प्राप्त होंगे. परिसर में इन होनहार छात्राओं की उपलब्धियों का सम्मान किया जा रहा है जबकि परीक्षा नियंता इसे केवल संयोग मानती हैं.

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