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वाराणसी: समाजसेवी अम्बरीष सिंह भोला ने अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज कराई FIR

वाराणसी: समाजसेवी अम्बरीष सिंह भोला ने अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज कराई FIR

वाराणसी में समाजसेवी अम्बरीष सिंह भोला ने पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर व नूतन पर सोशल मीडिया पर मानहानि का केस किया।

वाराणसी: काशी की पुरातन गलियों में उस समय हलचल ज्यादा बढ़ गई जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी, समाजसेवी, हिंदू युवा वाहिनी के निवर्तमान मंडल प्रभारी एवं वर्तमान में वीडीए के मानद सदस्य अम्बरीष सिंह भोला ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, उनकी पत्नी नूतन ठाकुर और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ चौक थाने में गंभीर आरोपों के साथ तहरीर दी। तहरीर मिलते ही पुलिस ने बीएनएस की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी।

अम्बरीष सिंह भोला, जो वाराणसी में वर्षों से सामाजिक कार्यों, निर्धनों की सहायता, गरीब परिवारों के उपचार, शिक्षा और आपदा स्थितियों में अपनी त्वरित सहायता के लिए जाने जाते हैं, ने पुलिस को बताया कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी, मनगढ़ंत और प्रतिष्ठा धूमिल करने वाली सामग्री प्रसारित की गई, जिसका उद्देश्य उन्हें बदनाम करना और उनकी छवि को क्षति पहुँचाना था।

30 नवंबर की पोस्ट बना विवाद की जड़
तहरीर के अनुसार, 30 नवंबर को पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल @amitabhthakur से एक लेटर और दो वीडियो पोस्ट किए। पोस्ट में नूतन ठाकुर का नाम भी “महासचिव, आजाद अधिकार सेना” के रूप में दर्शाया गया था।
इस पोस्ट में अम्बरीष सिंह भोला को तथाकथित "कफ सिरप सिंडिकेट" से जोड़ते हुए बेहद गंभीर आरोप लगाए गए, जो भोला के अनुसार पूर्ण रूप से झूठे, निराधार और मनगढ़ंत थे।

अम्बरीष सिंह ने कहा कि यह सामग्री तेजी से सोशल मीडिया पर फैली, लोगों ने इसे साझा किया, और इससे उनके सामाजिक जीवन, जनसंपर्क और वर्षों से कमाई गई प्रतिष्ठा पर चोट पहुँची।

“मेरी छवि को जानबूझकर नुकसान पहुँचाया गया”भोला की तहरीर
अम्बरीष भोला का कहना है, कि वीडियो में उनके आवास से कफ सिरप से जुड़े सामान हटाए जाने की मनगढ़ंत कहानी पेश की गई।दूसरे वीडियो में उन्हें शुभम जायसवाल नामक व्यक्ति से धनराशि लेने तक का बेबुनियाद आरोप जोड़ा गया। यह सब बिना किसी प्रमाण, बिना किसी जांच और बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के प्रसारित किया गया।

उन्होंने बताया कि यह न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जीवन पर आघात है, बल्कि उनकी एक समाजसेवी और हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व मंडल प्रभारी के रूप में बनी विश्वसनीय छवि पर भी हमला है।

राज्य के मंत्री पर भी लगाए गए आरोप, तहरीर में जोड़ा गया उल्लेख
अम्बरीष सिंह भोला ने कहा कि संबंधित पोस्ट में राज्य सरकार के एक निर्वाचित मंत्री और वरिष्ठ जनप्रतिनिधि पर भी अनर्गल और आधारहीन आरोप लगाए गए, जो स्पष्ट रूप से दुष्प्रचार का उदाहरण है।
उन्होंने मांग की कि अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर के खिलाफ कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी भी निर्दोष व्यक्ति की प्रतिष्ठा के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ न हो सके।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, डिजिटल साक्ष्यों की जांच शुरू
थाना चौक के प्रभारी दिलीप कुमार मिश्र ने बताया, कि एफआईआर बीएनएस की धारा 196, 229, 356(2), 356(3) में दर्ज की गई है, जो मानहानि, झूठे आरोप और वैमनस्य फैलाने से जुड़े मामले हैं। पुलिस ने कहा है कि सभी डिजिटल साक्ष्य सुरक्षित कर लिए गए हैं और मामले की गहन जांच की जा रही है।

सिर्फ राजनीतिक या प्रशासनिक नज़दीकियों के लिए नहीं, बल्कि मानवीय सरोकारों के लिए भी जाना जाने वाला नाम है अम्बरीष सिंह भोला। हिंदू युवा वाहिनी के निवर्तमान मंडल प्रभारी और वर्तमान में वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के मानद सदस्य के रूप में वे निरंतर गरीब परिवारों की सहायता, दवाइयों और इलाज का इंतज़ाम, असहाय लोगों की कानूनी मदद, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में आयोजक की महत्वपूर्ण भूमिका,युवाओं को मार्गदर्शन और प्रोत्साहन, जैसी कई जिम्मेदारियाँ बिना किसी स्वार्थ के निभाई हैं।वाराणसी के कई क्षेत्रों में उनका घर “दरख़्वास्त लेकर आने वालों का घर” कहलाता है, जहाँ लोगों की समस्याएँ सुनी जाती हैं और समाधान खोजने की कोशिश की जाती है। इसी छवि को देखकर लोग सोशल मीडिया पर लगाए गए झूठे आरोपों को न केवल चौंकाने वाला, बल्कि दुर्भावनापूर्ण भी मान रहे हैं।

क्या था “कफ सिरप प्रकरण” में वीडियो का दावा?
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने जो वीडियो अधिकारियों को भेजे थे, उनमें दावा किया गया था, कि रामकटोरा, बड़ी पियरी स्थित एक मकान से कफ सिरप से जुड़े सामान हटाए गए। शुभम जायसवाल नामक व्यक्ति द्वारा भारी धनराशि देने की बात कही गई। अम्बरीष सिंह भोला को सीएम का करीबी बताते हुए काफिले की गाड़ी का उल्लेख किया गया। इन सब दावों पर भोला का कहना है कि यह पूरी तरह से गढ़ी गई कहानी है, जिसका न कोई प्रमाण है, न कोई संदर्भ।

ईस मामले ने वाराणसी की राजनीति, सक्रिय सोशल मीडिया समूहों और प्रशासनिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। पुलिस का कहना है, कि सभी वीडियो, पोस्ट और तकनीकी साक्ष्यों की जांच होगी, यदि आरोप झूठे साबित हुए, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जांच पूरी तरह निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर होगी।

वाराणसी में यह प्रकरण एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा करता है कि सोशल मीडिया की तेज़ी और सनसनी के दौर में, किसी व्यक्ति की मेहनत, प्रतिष्ठा और भरोसे को एक क्लिक में कैसे मिटाया जा सकता है।

लेकिन अम्बरीष सिंह भोला जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक बिना किसी भेदभाव के सहायता पहुँचाने के लिए जाने जाते हैंने अपने शांत स्वभाव, संवेदनशील व्यवहार और कानूनी मार्ग पर भरोसा रखते हुए न्याय की रूपरेखा तय कर दी है।

आने वाले दिनों में जांच की दिशा और इस मामले की नई परतें बहुत कुछ स्पष्ट करेंगी।

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