Thu, 20 Nov 2025 15:34:07 - By : Garima Mishra
शहर में मिलावटी आइसक्रीम का कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है। छोटे और तंग इलाकों में बनाई जा रही नकली आइसक्रीम न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रही है बल्कि इसकी मांग बढ़ने से धंधेबाज और भी सक्रिय हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि दूध और क्रीम की जगह पामोलीन ऑयल, सिंथेटिक फ्लेवर और रंग जैसे सस्ते और हानिकारक रसायन मिलाकर रातों रात आइसक्रीम तैयार की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने हाल ही में कई स्थानों पर छापेमारी की। नौसड़ में जहां सैकरीन मिली आइसक्रीम पकड़ी गई थी, वहीं नंदानगर की एक फैक्टरी से लिए गए सैंपल भी जांच में मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। विभाग अब ऐसे कारखानों पर नजर रखे हुए है, लेकिन मांग बढ़ने के चलते इसका अवैध कारोबार और भी फैल रहा है।
आइसक्रीम विक्रेता विनोद शर्मा बताते हैं कि असली आइसक्रीम में दूध, क्रीम और शुगर का इस्तेमाल होता है, लेकिन नकली आइसक्रीम बनाने वाले इनकी जगह सस्ता पामोलीन ऑयल डालते हैं। यह तेल स्वाद तो बढ़ा देता है लेकिन शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है। कई बार इसमें रसायन आधारित फ्लेवर मिलाए जाते हैं, जो फल के असली स्वाद की नकल तो कर लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
गाढ़ापन लाने के लिए यूरिया, सल्फेट आधारित पाउडर और दूसरे हानिकारक स्टेबलाइजर मिला दिए जाते हैं। इस वजह से आइसक्रीम लंबे समय तक जमी रहती है, लेकिन यह शरीर पर धीमा जहर बनकर असर कर सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी मिलावटी आइसक्रीम बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास तौर से खतरनाक है और इससे पेट संबंधी बीमारियां, एलर्जी और लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
शहर में आइसक्रीम की खपत लगातार बढ़ रही है। विक्रेताओं के अनुसार हर दिन लगभग 40 लाख रुपये की आइसक्रीम बिक रही है। गोलघर और रामगढ़ताल इलाके के नौका विहार में सबसे ज्यादा मांग देखी जाती है। शाम ढलते ही शहर के अलग अलग आइसक्रीम प्वाइंट पर भारी भीड़ जुटती है। इसी बढ़ती मांग ने मिलावटी आइसक्रीम बनाने वालों को मौका दे दिया है और नकली आइसक्रीम की सप्लाई तेजी से बढ़ रही है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने लोगों से अपील की है कि सड़क किनारे या संदिग्ध स्थानों पर बनी आइसक्रीम खरीदने से बचें। विभाग जल्द ही शहर के और इलाकों में सैंपलिंग अभियान चलाने वाला है ताकि मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।