Sat, 01 Nov 2025 14:37:00 - By : Tanishka upadhyay
आगरा में सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले लोगों को निशाना बनाने वाले अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल के दिनों में पालीवाल पार्क और मधु नगर में महिलाओं से चेन स्नैचिंग की वारदातों ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी थी। इन घटनाओं के बाद अब शहर पुलिस ने ऐसे अपराधियों की पहचान कर उनका डाटा सार्वजनिक करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने अब तक 450 से अधिक पुराने अपराधियों की पहचान की है और उनकी फोटो थानों के बाहर चस्पा की जा रही हैं। वहीं, तीन कुख्यात अपराधियों के पोस्टर भी जारी किए गए हैं ताकि जनता सतर्क रहे और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दे सके।
डीसीपी सिटी सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि पिछले दस वर्षों के भीतर लूट और चेन स्नेचिंग में शामिल अपराधियों का डाटा खंगाला गया है। इसमें कुल 450 अपराधी चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से करीब 100 आरोपी आसपास के जिलों जैसे हाथरस, अलीगढ़, फिरोजाबाद और इटावा से जुड़े हैं। डीसीपी ने बताया कि सत्यापन अभियान के दौरान 80 प्रतिशत अपराधी अपने घरों पर मिले जबकि 20 प्रतिशत ऐसे हैं जो वर्तमान में घर से फरार हैं। उनके परिजनों से पूछताछ की जा रही है और उन्हें जल्द खोजने के प्रयास जारी हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक थाना अपने क्षेत्र के अपराधियों की फोटो और नाम थाने के मुख्य द्वार पर लगा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि नागरिक सतर्क रहें और यदि किसी घटना की जानकारी मिलती है तो अपराधियों की पहचान जल्द की जा सके। साथ ही इनकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा की जा रही है ताकि आम जनता इनसे सावधान रह सके।
पूर्वी जोन की जांच में 125 ऐसे बदमाशों की पहचान की गई है जो पहले चेन स्नेचिंग और मोबाइल छीनने की वारदातों में शामिल रहे हैं। इनमें से अधिकांश अपराधी मध्य प्रदेश और राजस्थान के रहने वाले बताए गए हैं। ये लोग सीमापार से आकर वारदात करते हैं और तुरंत वापस लौट जाते हैं, जिससे उनकी पहचान और गिरफ्तारी मुश्किल हो जाती है। पुलिस ने माना कि ऐसे मामलों में स्थानीय रिकॉर्ड और सर्विलांस सिस्टम से तुरंत जानकारी नहीं मिल पाती, जिससे अपराधियों का पता लगाने में समय लगता है।
शहर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें फेस रिकॉगनिशन और नंबर प्लेट रीडर जैसी तकनीकें भी मौजूद हैं। बावजूद इसके, पुलिस ने स्वीकार किया है कि कैमरों में कुछ तकनीकी और एंगल की सीमाएं हैं, जिसके कारण कुछ घटनाओं के सटीक फुटेज नहीं मिल पाते या अपराधियों की पहचान मुश्किल हो जाती है। पुलिस ने अब कई कदम उठाए हैं। सभी थानों में अपराधियों की फोटो और विवरण चस्पा किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार अभियान चलाया जा रहा है ताकि लोग सावधान रहें। बाहरी जिलों से आने-जाने वाले संदिग्धों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है और पड़ोसी जिलों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया गया है।
साथ ही पुलिस ने नागरिकों को भी सतर्क रहने की अपील की है। खासतौर पर मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले लोगों से कहा गया है कि वे सुनसान रास्तों से बचें, कीमती आभूषण न पहनें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें। यदि किसी घटना का सामना हो तो थानों में लगे फोटो देखकर अपराधियों की पहचान में मदद करें।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने पुलिस की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि थानों और सोशल मीडिया पर अपराधियों की फोटो लगाने से जागरूकता बढ़ेगी और अपराधियों के हौसले पस्त होंगे। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और इसका उद्देश्य नागरिकों को भयमुक्त वातावरण प्रदान करना है ताकि लोग सुबह की सैर के दौरान भी सुरक्षित महसूस कर सकें।