Sat, 11 Oct 2025 11:52:46 - By : Garima Mishra
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक पेज शुक्रवार शाम अचानक निलंबित कर दिया गया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। इस कदम पर सपा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का अकाउंट ब्लॉक करना अघोषित आपातकाल जैसा कदम है, जहाँ विरोधी आवाजों को दबाया जा रहा है।
हालांकि, सूत्रों ने स्पष्ट किया कि फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने यह कार्रवाई की थी और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। अकाउंट कथित तौर पर "हिंसक यौन पोस्ट" डालने के कारण निलंबित किया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस अकाउंट को शाम 6 बजे के आसपास ब्लॉक किया गया था। इस पेज को 80 लाख से अधिक लोग फॉलो करते थे और अखिलेश यादव इसे अपनी राय साझा करने, सरकार की नीतियों की आलोचना करने और राज्य भर में समर्थकों से संवाद करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल करते थे।
सपा ने इस कदम को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। फखरुल हसन चांद ने कहा कि पार्टी जनता की आवाज को दबाने के इस प्रयास के बावजूद भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि सोशल मीडिया पर नेताओं के अकाउंट ब्लॉक होने की घटनाएं चुनावी मौसम और राजनीतिक बहस में नई चुनौतियां पैदा कर सकती हैं।
बाद में, अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट बहाल कर दिया गया और ब्लॉक होने की वजह सार्वजनिक कर दी गई। अकाउंट बहाल होने के बाद भी राजनीतिक हलचल और चर्चा सोशल मीडिया और समाचार चैनलों में जारी है। इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक नेताओं के अधिकार और निगरानी अब भी बहस का मुख्य विषय बने हुए हैं।