इलाहाबाद विश्वविद्यालय: छात्रों के धरने को संजय सिंह का समर्थन, संसद में उठाएंगे मुद्दा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के धरने को आप सांसद संजय सिंह का समर्थन मिला, उन्होंने संसद में मुद्दा उठाने का वादा किया.

Tue, 25 Nov 2025 12:11:48 - By : Yash Agrawal

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों का धरना रविवार रात भर जारी रहा और इसी दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह देर रात प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. उनके पहुंचते ही छात्रों में उत्साह बढ़ गया. संजय सिंह करीब आधे घंटे तक धरनारत छात्रों के बीच रहे और निलंबित छात्र चंद्रप्रकाश, निधि और सौम्या से विस्तार से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वे छात्रों की हर बात को गंभीरता से सुनने आए हैं और इस मुद्दे को संसद में उठाने का वादा भी किया.

संजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा है और छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि छात्रों की बात संसद में रखकर न्याय दिलाने का प्रयास होगा. छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया. उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया कि मामले की जानकारी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक भी लिखित रूप में भेजी जाएगी ताकि स्थिति को ठीक करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें.

धरना स्थल पर निलंबित छात्र चंद्रप्रकाश ने प्रशासन पर लगाए आरोपों को दोहराया और कहा कि चीफ प्रॉक्टर उन पर विश्वविद्यालय में तोड़ फोड़ करने का आरोप लगा रहे हैं. उसने कहा कि यदि उनके पास कोई वीडियो या सीसीटीवी फुटेज है तो वह उसे सामने रखें, और यदि आरोप साबित हो जाए तो वह अपनी जान देने तक को तैयार है. इस पर संजय सिंह ने उसे समझाया कि झूठे आरोपों से घबराने की जरूरत नहीं है और ऐसी स्थितियों में आत्महत्या जैसी बातें करना गलत है. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे बिना डरे और एकजुट होकर लड़ें. उन्होंने कहा कि उनके साथ भी मुकदमे दर्ज हुए और उन्हें 183 दिन जेल में रखा गया, लेकिन बाहर निकलकर भी वह लड़ते रहे और आज भी लड़ने के लिए तैयार हैं.

संजय सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए पूछा कि नैनी जेल की क्षमता कितनी है और यह भी कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 36 हजार छात्र यदि एक साथ कह दें कि उन्हें जेल भेजो तो प्रशासन उन्हें वहां नहीं रख पाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रशासन को छात्रों से पीछे हटना ही पड़ेगा. उनके इस संबोधन पर छात्रों ने जोरदार तालियां बजाकर समर्थन जताया.

पूरा विवाद तीन छात्रों के निलंबन के बाद शुरू हुआ था. फैज अहमद फैज की स्मृति दिवस पर दिशा छात्र संगठन विश्वविद्यालय परिसर में कविता पाठ आयोजित करना चाहता था, जिसके लिए वह अनुमति लेने चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे थे. छात्रों का आरोप है कि वहां चीफ प्रॉक्टर प्रो राकेश सिंह और सहायक चीफ प्रॉक्टर अतुल नारायण सिंह ने उनसे दुर्व्यवहार किया और गाली गलौज की. घटना के बाद तीन छात्रों निधि, सौम्या और संजय को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद से दिशा छात्र संगठन की अगुवाई में धरना और आंदोलन जारी है. छात्रों की मांग है कि निलंबन तत्काल वापस लिया जाए और विवाद में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इस विवाद ने न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों और स्थानीय समुदाय का भी ध्यान खींचा है. देर रात संजय सिंह के पहुंचने से आंदोलन कर रहे छात्रों को नई ऊर्जा और समर्थन मिला है और वे अपनी मांगों को लेकर अब और सशक्त होकर सामने आने की तैयारी कर रहे हैं.

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