Fri, 19 Dec 2025 22:10:28 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: चौक थाने में दर्ज एक आपराधिक मामले में आज़ाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव मुकुल पांडेय की अदालत में पेश किया गया। अदालत में पेशी के दौरान पूरे कचहरी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पुलिस ने रास्तों की सख्त घेराबंदी कर पूर्व आईपीएस को सुरक्षा घेरे में कोर्ट तक लाया, वहीं आम लोगों और वकीलों की आवाजाही पर भी कड़ा नियंत्रण रखा गया।
अदालत में सुनवाई के दौरान अमिताभ ठाकुर के अधिवक्ताओं ने पुलिस द्वारा मांगे गए न्यायिक रिमांड का जोरदार विरोध किया। बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि जिन धाराओं के तहत पुलिस न्यायिक रिमांड चाहती है, वे सभी सात वर्ष से कम सजा वाले अपराध हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार गिरफ्तारी और रिमांड पर रोक का प्रावधान है। अधिवक्ताओं ने शीर्ष अदालत की नजीरों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में न्यायिक रिमांड कानूनसम्मत नहीं है।
वहीं अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि मामला संज्ञेय अपराध से जुड़ा हुआ है, इसलिए न्यायिक रिमांड बनाया जाना विधिसंगत है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का न्यायिक रिमांड मंजूर करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया। आदेश के बाद पुलिस उन्हें कड़ी सुरक्षा में लेकर देवरिया जेल के लिए रवाना हो गई।
यह मामला चौक थाना क्षेत्र के बड़ी पियरी निवासी हिंदू युवा वाहिनी के निवर्तमान मंडल प्रभारी और वाराणसी विकास प्राधिकरण के मानद सदस्य अम्बरीष सिंह भोला की तहरीर पर दर्ज हुआ था। अम्बरीष सिंह ने 9 दिसंबर को दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक मामलों में संलिप्तता के झूठे आरोप लगाए गए। आरोप में यह भी कहा गया कि बहुचर्चित कफ सिरप मामले में बिना किसी ठोस साक्ष्य के उनकी संलिप्तता बताकर सोशल मीडिया पर भ्रामक और गलत खबरें फैलाई गईं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर ठेस पहुंची।
इसी प्रकरण में चौक पुलिस ने आज़ाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर, उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी मामले में पेशी के लिए अमिताभ ठाकुर को गुरुवार को वाराणसी लाकर सेंट्रल जेल में रखा गया था, जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया।
कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रही। कचहरी के सभी प्रवेश द्वारों पर सौ से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। एसीपी कैंट नितिन तनेजा, एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान, कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक शिवाकांत मिश्रा, रोहनिया इंस्पेक्टर राजू सिंह के साथ भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के जवान मौजूद रहे। पूरे क्षेत्र में पुलिस की सतर्क निगरानी बनी रही।
पेशी के दौरान अदालत परिसर में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि पुलिस उन्हें तत्काल देवरिया जेल ले जाना चाहती है, जबकि यह सफर करीब पांच से छह घंटे का है। उन्होंने आशंका जताई कि रास्ते में उनके साथ कोई अप्रिय घटना हो सकती है। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि उनकी जान-माल की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन सुनिश्चित करे।
इस मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर लगाए जाने वाले आरोपों, अभिव्यक्ति की सीमाओं और कानून के दायरे में आने वाले विवादों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि न्यायिक प्रक्रिया के अगले चरण में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है।