Sat, 25 Oct 2025 11:13:18 - By : Tanishka upadhyay
अयोध्या में देश के पहले मंदिर संग्रहालय की परिकल्पना अब जल्द ही वास्तविकता में बदलने जा रही है। टाटा समूह ने इस परियोजना के निर्माण के लिए टाटा संस को कार्यदायी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। बताया गया है कि निर्माण कार्य 1 नवंबर से शुरू होने की संभावना है और इसे पूरा करने में कुल 750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस संग्रहालय में श्रद्धालुओं को देशभर के प्राचीन और प्रसिद्ध वैष्णव मंदिरों की वास्तुकला और स्थापत्य शैली देखने को मिलेगी।
संग्रहालय के निर्माण में राम मंदिर निर्माण में पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी निभा रहे टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के अभियंता भी शामिल होंगे। ये अधिकारी टाटा संस के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करके निर्माण कार्य की गति सुनिश्चित करेंगे। संग्रहालय का काम रामजन्मभूमि परिसर के ध्वजारोहण समारोह के उपरांत पूर्ण गति पकड़ने की संभावना है। टाटा समूह ने इस परियोजना को अपने सीएसआर फंड से पूरा करने का निर्णय लिया है।
परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष माझा जमथरा में राजघाट के समीप 28 एकड़ भूमि चिह्नित की थी, जिसे जिला प्रशासन ने निशुल्क उपलब्ध कराया। निर्माण में कुल 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 650 करोड़ रुपये संग्रहालय के निर्माण पर और 100 करोड़ रुपये इसके आसपास मूलभूत सुविधाओं के विकास पर खर्च किए जाएंगे। संग्रहालय में देशभर के वैष्णव मंदिरों की प्रतिकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी, ताकि श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों की स्थापत्य शैली, इतिहास और सांस्कृतिक महत्व को करीब से समझ सकें।
एक अधिकारी के अनुसार, माझा जमथरा में चिह्नित 28 एकड़ भूमि की फेंसिंग कराई जा चुकी है और जल्द ही टाटा संस के अधिकारी स्थल का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद एक नवंबर से निर्माण कार्य आरंभ होने की संभावना है। इस संग्रहालय के बन जाने से अयोध्या न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन दृष्टि से भी और अधिक महत्वपूर्ण बन जाएगी।