Wed, 12 Nov 2025 16:01:07 - By : Palak Yadav
अयोध्या में होने वाले राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह को लेकर तैयारियां चरम पर हैं। यह ऐतिहासिक अवसर देशभर में सीधा प्रसारित किया जाएगा ताकि हर नागरिक इस दिव्य पल का साक्षी बन सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों संपन्न होने वाले इस ध्वजारोहण का लाइव प्रसारण दूरदर्शन सहित सभी प्रमुख समाचार चैनलों और डिजिटल प्लेटफार्म पर किया जाएगा। अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। शहर के विभिन्न स्थलों पर 30 एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं ताकि हर कोई इस अद्वितीय क्षण को नजदीक से अनुभव कर सके।
रामजन्मभूमि परिसर में 200 फीट चौड़ी विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी, जिससे श्रद्धालु मुख्य आयोजन को स्पष्ट रूप से देख सकें। इसके अलावा रामपथ तिराहा, सहादतगंज, टेढ़ी बाजार, नयाघाट पुल, रिकाबगंज, लता मंगेशकर चौक, सुग्रीव किला और राम की पैड़ी सहित अयोध्या के प्रमुख चौराहों पर भी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इन तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं और नियमित रूप से अधिकारियों से प्रगति की जानकारी ले रहे हैं।
योगी सरकार इस आयोजन को अब तक का सबसे भव्य समारोह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्च अधिकारी मंदिर ट्रस्ट के साथ निरंतर समन्वय कर रहे हैं और कार्यक्रम से जुड़ी हर गतिविधि का विवरण प्रधानमंत्री कार्यालय तक भेजा जा रहा है। पूरे शहर को दीपोत्सव से भी अधिक आकर्षक रूप देने की योजना पर काम जारी है। हर चौराहे पर भव्य तोरणद्वार बनाए जा रहे हैं, जिन पर सुनहरे अक्षरों में जय श्रीराम लिखा जाएगा।
21 से 25 नवंबर तक चलने वाले अनुष्ठानों के दौरान अयोध्या में अभूतपूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। पर्यटन और संस्कृति विभाग के अधिकारी देशभर से कलाकारों को आमंत्रित कर रहे हैं ताकि रामकथा, भजन, नृत्य और लोक प्रस्तुतियों के माध्यम से शहर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय बन सके। नगर निगम की टीमें सफाई, सजावट और सुंदरीकरण में दिन-रात लगी हुई हैं। प्रमुख मार्गों की मरम्मत, घाटों पर रंग-रोगन और सड़क किनारे पौधारोपण का कार्य तेजी से चल रहा है।
सरयू तट को स्वर्णिम रूप देने की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे शहर को उसी तरह सजाया जा रहा है जैसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय सजाया गया था। यह आयोजन केवल ध्वजारोहण का प्रतीक नहीं, बल्कि अयोध्या की नई सांस्कृतिक पहचान और आध्यात्मिक गौरव का प्रतीक बनेगा।