Tue, 25 Nov 2025 12:12:12 - By : Garima Mishra
आजमगढ़ जिले में पुलिस विभाग ने भ्रष्टाचार के मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए देवगांव थाने के सब इंस्पेक्टर लालबहादुर प्रसाद को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई उस शिकायत के आधार पर की गई जिसमें एक वादी ने सब इंस्पेक्टर पर मुकदमे में राहत देने के बदले रुपये मांगने का गंभीर आरोप लगाया था। मामला सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए तुरंत जांच शुरू की और दोषी पाए जाने पर आरोपित को जेल भेज दिया।
ग्राम मिर्जापुर निवासी आकाश चौहान ने आरोप लगाया कि उनके मारपीट के मुकदमे की विवेचना कर रहे सब इंस्पेक्टर लगातार तीनों आरोपियों को जेल भेजने और जल्द चार्जशीट दाखिल करने के नाम पर पांच हजार रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायत मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने जांच की जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी लालगंज को सौंपी। जांच के दौरान आरोपी पुलिसकर्मी पर लगाए गए आरोप सही साबित हुए। इसके बाद देवगांव थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपी सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में विभाग की जीरो टालरेंस नीति लागू है और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आगे भी ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी ताकि आम नागरिकों को न्याय की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता का सामना न करना पड़े।
यह घटना न केवल विभागीय अनुशासन के प्रति पुलिस की सख्ती को दिखाती है बल्कि यह भी संकेत देती है कि शिकायत दर्ज कराने वाले हर नागरिक की बात सुनी जाएगी और जांच में दोषी पाए जाने पर चाहे वह कोई भी हो कार्रवाई सुनिश्चित होगी।