Tue, 09 Sep 2025 13:13:59 - By : Garima Mishra
बलिया में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश दिए थे कि 70 प्रतिशत कुत्तों का बध्याकरण और एंटी रैबीज इंजेक्शन सुनिश्चित किया जाए। सरकार की ओर से भी इस दिशा में आदेश दिए गए थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जिले में हर दिन लोग कुत्तों के हमलों का शिकार हो रहे हैं और सोमवार को हालात इतने गंभीर हो गए कि एक ही दिन में 56 बच्चे और अन्य लोग घायल हो गए। सभी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा पहुंचना पड़ा, जहां उन्हें एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया गया।
घटना तहसील क्षेत्र के कई गांवों में हुई, जहां रास्तों पर बैठे आवारा कुत्तों ने घर से बाहर निकल रहे लोगों पर अचानक हमला कर दिया। रोशनी कुमारी निवासी बाबू का डेरा, पूनम देवी निवासी नौका गांव, रुद्र प्रताप निवासी भोजापुर, प्रियांशी निवासी दया छपरा और शिवजी निवासी बहुआरा सहित कई पीड़ितों ने बताया कि घर से बाहर जाते ही कुत्ते झुंड बनाकर उन पर टूट पड़े। घबराए लोगों ने शोर मचाया और आसपास के लोग लाठी डंडा लेकर दौड़े, तब जाकर कुत्ते भागे। इस दौरान कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। न तो बध्याकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है और न ही नियमित टीकाकरण की कोई व्यवस्था है। ग्रामीणों ने चिंता जताई कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और खतरनाक हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और सरकारी आदेशों की अनदेखी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। अब सवाल यह है कि कब तक लोग ऐसे हमलों का शिकार होते रहेंगे और कब तक जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या की अनदेखी करते रहेंगे।